शाहपुरा जिला समाप्ति के विरोध में कहार समाज ने निकाली आक्रोश रैली, आंदोलन जारी
शाहपुरा। पेसवानी. शाहपुरा जिला समाप्त करने के विरोध में चल रहे आंदोलन का आज 20वां दिन था। जिला बचाओ संघर्ष समिति और अभिभाषक संस्था के तत्वावधान में कहार समाज ने बुधवार को 4 किलोमीटर लंबी आक्रोश रैली निकालकर एसडीओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए शाहपुरा जिला बनाए रखने की मांग की।
आंदोलन के दौरान झड़प
रैली के दौरान प्रशासन और अधिवक्ताओं के बीच तीखी बहस हुई। थाना प्रभारी ने प्रदर्शनकारियों को काले झंडे दिखाने और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने से रोकने की कोशिश की, जिससे अधिवक्ता नाराज हो गए। अधिवक्ताओं ने इसे जनता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन बताया। करीब दस मिनट तक चली झड़प के बाद मामला शांत हुआ।
कहार समाज का क्रमिक अनशन धरना
उपखंड कार्यालय शाहपुरा के बाहर आज 14वें दिन भी कहार समाज के सदस्यों ने क्रमिक अनशन धरना दिया। संघर्ष समिति के महासचिव और अभिभाषक संस्था के सहसचिव कमलेश मुण्डेतिया ने बताया कि अनशन पर बैठने वालों में कहार समाज के देवीलाल, पूर्व पार्षद राजू कहार, रमेश चंद्र कहार, किशन कहार, प्रेमचंद कहार, और नवयुवक मंडल अध्यक्ष राजू कहार शामिल थे।संयोजक रामप्रसाद जाट ने अनशनकारियों का माला पहनाकर स्वागत किया और समाज की एकजुटता की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन शाहपुरा की जनता के हक और सम्मान की लड़ाई है, जिसे अंतिम परिणाम तक जारी रखा जाएगा।
जिला समाप्ति का विरोध तेज
संघर्ष समिति और विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि लगातार इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिला समाप्त करने का फैसला शाहपुरा की जनता के साथ अन्याय है। उनका कहना है कि प्रशासनिक और औद्योगिक विकास के लिए शाहपुरा को जिला बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
आंदोलन को व्यापक समर्थन
शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन को विभिन्न समाजों और संगठनों का समर्थन मिल रहा है। कहार समाज की इस सक्रिय भागीदारी ने आंदोलन को और मजबूती प्रदान की है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक शाहपुरा को पुनः जिला नहीं घोषित किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।
आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को और अधिक तीव्र किया जाएगा। शाहपुरा की जनता अब एकजुट होकर इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए तैयार है।
शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन पर बोले शाहपुरा विधायक डॉ. लालाराम बैरवा
शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन के 20वें दिन विधायक डॉ. लालाराम बैरवा ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र की जनता से संवाद किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा संदेश में आंदोलन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की और शाहपुरा के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
डॉ. बैरवा ने बताया कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर वह इन दिनों दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रवासी प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। हालांकि, दो दिन के प्रवास के दौरान उन्होंने शाहपुरा आकर आंदोलन से जुड़े कुछ प्रतिनिधियों से बात करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ जिलों को हटाने के फैसले के तहत शाहपुरा जिला हटाने पर शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति आंदोलन कर रही है, और यह दुखद है।
जनता के दुख से मैं भी आहत हूं--
विधायक ने कहा कि शाहपुरा जिला हटाने का निर्णय उन्हें व्यक्तिगत रूप से भी बहुत आहत कर रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर पूर्व में पुलिस कार्रवाई और मुकदमों का सामना करते हुए संघर्ष किया है। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी प्राथमिकता जनता की आवाज बनकर उनके साथ खड़े रहना है।
डॉ. बैरवा ने कहा कि वह संघर्ष समिति और जनता के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर शाहपुरा की भावनाओं को मुख्यमंत्री के समक्ष मजबूती से रखने को तैयार हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि आंदोलन को सही दिशा में ले जाएं और इसे व्यक्तिगत छींटाकशी या राजनीति का माध्यम न बनाएं।
शाहपुरा के विकास के लिए प्रतिबद्ध---
विधायक ने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा शाहपुरा को बजट में जो सौगातें दी गई हैं, वे ऐतिहासिक हैं। आने वाले चार सालों में शाहपुरा को एक विकसित और औद्योगिक रूप से सशक्त क्षेत्र बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने जनता और संघर्ष समिति से आह्वान किया कि जिले के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एकजुट होकर काम करें। उन्होंने कहा कि शाहपुरा के विकास, प्रशासनिक संरचना और औद्योगिक प्रगति के लिए समर्पित प्रयासों की जरूरत है।
मुख्यमंत्री से जल्द होगी मुलाकात---
डॉ. बैरवा ने अपने संदेश में कहा कि उनकी अनुपस्थिति को लेकर किए जा रहे नकारात्मक प्रचार गलत हैं। वह पहले भी शाहपुरा के पक्ष में खड़े थे और आज भी खड़े हैं। उन्होंने जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शाहपुरा की मांग पर पुनर्विचार कराने का आश्वासन दिया।विधायक ने शाहपुरा की जनता से अपील की कि वह व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से बचें और जिले के लक्ष्य को लेकर सामूहिक रूप से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि शाहपुरा के विकास और जिले की पुनः स्थापना के लिए एकजुट होकर काम करने का है।