किण्वित जैविक खाद मृदा स्वास्थ्य के लिए जरूरी - डॉ. यादव

किण्वित जैविक खाद मृदा स्वास्थ्य के लिए जरूरी - डॉ. यादव
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भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा द्वारा दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम किण्वित जैविक खाद विषय पर आयोजित किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने बताया कि किण्वित जैविक खाद एक उर्वरक है जो किण्वित कार्बनिक पदार्थों से बनाया जाता है। यह बायोगैस संयत्रों का उप-उत्पाद है जिसका उपयोग मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल की पैदावार में बढ़ोतरी के लिए किया जाता है। डॉ. यादव ने किण्वित खाद बनाने के प्रक्रिया समझाते हुए बताया कि खाद, कम्पोस्ट और पौधों के अवशेष जैसे कार्बनिक पदार्थों को पानी के साथ मिलाया जाता है फिर मिश्रण को नियन्त्रित वातावरण में किण्वित होने दिया जाता है। किण्वन प्रक्रिया कार्बनिक पदार्थों से पोषक तत्त्व और लाभकारी सूक्ष्म जीव निकलती है साथ ही किण्वित जैविक खाद से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह खाद रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने में सहायक है। किण्वित खाद पौधों के विकास को बढ़ावा देकर नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्त्व प्रदान करता है और पौधों को बीमारियों और कीटों से लड़ने में मदद करता है। प्रशिक्षण में मीव किसान बाजार कृषक उत्पादक संगठन के निदेशक महावीर शर्मा ने प्राकृतिक खेती एवं जैविक खाद्य पदार्थों के मूल्य संवर्धन और विपणन द्वारा आजीविका सुरक्षिण्त करने के टिप्स दिए। सहायक कृषि अधिकारी नन्द लाल सेन ने बताया कि कार्बनिक जैविक खाद का उपयोग सब्जियों, अनाज, फलों और अन्य किसी भी फसल पर किया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को केन्द्र पर स्थापित सजीव इकाईयों का भ्रमण करवाया गया प्रशिक्षण में सुवाणा पंचायत समिति के ढ़ोलीखेड़ा एवं चावण्डेरी गाँव के 50 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।

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