सनातन धर्म हमेशा एकजुट रहेगा, कुंभ स्नान में जाति-पाति का कोई भेदभाव नहीं देखा- महामंडलेश्वर हंसराम

सनातन धर्म हमेशा एकजुट रहेगा, कुंभ स्नान में जाति-पाति का कोई भेदभाव नहीं देखा- महामंडलेश्वर हंसराम
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भीलवाड़ा,

हरिशेवा सनातन उदासीन आश्रम, भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर गुरुवार रात को भीलवाड़ा वापसी की। इस अवसर पर भक्तों ने उनका भव्य स्वागत किया।

महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने कहा कि सनातन धर्म की जड़ें अत्यंत गहरी हैं और प्रयागराज महाकुंभ में 144 वर्षों बाद हुए विशेष आयोजन ने इस सत्य को पुनः प्रमाणित किया है। विश्वभर से आए करोड़ों श्रद्धालुओं ने इस कुंभ में आस्था और एकता का प्रदर्शन कर यह दिखा दिया कि सनातन धर्म हमेशा एकजुट रहेगा।

उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा घाट पर जाकर पितरों का तर्पण और दान करने से कुंडली दोषों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मौन व्रत धारण करने से वाक् सिद्धि प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।

स्वामी हंसराम उदासीन ने कहा कि महाकुंभ में इस बार युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कुंभ स्नान में जाति-पाति का कोई भेदभाव नहीं देखा गया, सभी सनातनी एकजुट होकर आस्था की डुबकी लगा रहे थे।

स्वागत समारोह में संत मायाराम, संत राजाराम, ब्रह्मचारी सिद्धार्थ, मिहिर, पंडित सत्यनारायण शर्मा, नवीन शर्मा, कन्हैयालाल स्वर्णकार, रमेश खोतानी, विनोद झुरानी, रमेश नेभनानी, मनीष सबदानी, बाबूलाल टांक, बिलेश्वर डाड, गौभक्त किशोर लखवानी, पंकज आडवाणी, शुभांशु जैन, इंद्र, महेश नवानी, रोमा नोतानी सहित बड़ी संख्या में हंसगंगा हरिशेवा भक्त मंडल व महिला मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।

महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने इस अवसर पर उपस्थित सभी भक्तों को आशीर्वाद दिया और सनातन धर्म की सेवा एवं भक्ति के प्रति समर्पित रहने का संदेश दिया।

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