संतरा एवं सब्जी उत्पादन पर कृषक सेमीनार प्रारंभ
भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनान्तर्गत उद्यानिकी फसलों की उन्नत कृषि विधियाँ, संतरा उत्पादन एवं संरक्षित खेती की आधुनिक तकनीकी विषय पर दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषक प्रशिक्षण सेमीनार का आयोजन उप निदेशक, उद्यान विभाग भीलवाड़ा के तत्त्वावधान में किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि जिले में संतरा व सब्जी की खेती की प्रबल संभावनाएँ है। इसके लिए उन्नत तकनीकी अपनाने की जरूरत है।
अतिरिक्त निदेशक इन्द्र सिंह संचेती ने एक जिला एक प्रोडक्ट के क्षेत्र में काम करते हुए संतरा को जिले का प्रमुख प्रोडक्ट बनाने हेतु उन्नत खेती करने का सुझाव दिया। संचेती ने संतरा का विपणन, प्रसंस्करण एवं निर्यात को बढ़ावा देने के साथ ही जिले में संतरा प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की आवश्यकता जताई। संयुक्त निदेशक उद्यान महेश चन्द्र चेजारा ने वर्तमान समय में किसानों को एक आँख कृषि विपणन एवं दूसरी आँख उन्नत कृषि पर रखने की आवश्यकता जताई। चेजारा ने किसानों को संतरा एवं संरक्षित खेती के माध्यम से आजीविका व आमदनी बढ़ाने का सुझाव दिया। संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार विनोद कुमार जैन ने राजस्थान सरकार द्वारा संचालित कृषि सम्बन्धित योजनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की एवं फार्मर रजिस्ट्रेशन अभियान की जानकारी दी।
उपनिदेशक उद्यान डॉ. शंकर सिंह राठौड़ ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बिक्री के साथ-साथ उद्यान विभाग की योजनाएँ ड्रिप एव फव्वारा इरिगेशन, मल्चिंग एवं लो टनल के माध्यम से किसानों का ज्ञानवर्धन किया। राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के प्रोफेसर डॉ. एस.एस. लखावत ने जिले में संरक्षित खेती की संभावनाएँ एवं आवश्यकताएँ के साथ ही संतरा उत्पादन तकनीकी के बारे मे बताया। सहायक आचार्य डॉ. बी.जी. छीपा ने लहसुन, प्याज की आधुनिक कृषि विधियाँ एवं रख-रखाव और सब्जियों की खेती की आधुनिक तकनीकी के बारे में जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केन्द्र शाहपुरा के सह आचार्य डॉ. राजेश जलवानियाँ ने फूलों की आधुनिक कृषि विधियाँ एवं रखरखाव के साथ ही उद्यानिक फसलों में कीट प्रबन्धन की जानकारी से अवगत कराया। प्रशिक्षण में जिले की विभिन्न पंचायत समितियों के 137 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया जिन्हें महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा प्रकाशित कृषि कलैण्डर एवं संतरा की उन्नत खेती बुकलेट दी गई। प्रशिक्षण में कृषकों का पंजीयन सहायक कृषि अधिकारी नन्द लाल सेन, अनिता यादव, कृषि पर्यवेक्षक सरिता गुर्जर, महिमा सुखवाल एवं वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता संजय विश्नोई ने किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद डॉ. राजेश जलवानियाँ ने दिया।