नौ रसों की अभिव्यक्ति से छात्र-छात्राएंे मंत्रमुग्ध

नौ रसों की अभिव्यक्ति से छात्र-छात्राएंे मंत्रमुग्ध
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भीलवाड़ा -

स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एमगंस्ट यूथ) एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित वर्कशॉप ड्रेमोस्ट्रेशन कार्यक्रम के अंतिम दिन आज मोहिनीअट्टम नृत्यांगना डॉ. जूनी मेथन की सुवाणा एवं रा.उ.प्रा.वि. ईरास में हुई। जूनी मेगन ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत शिव पंचाक्षर से करते हुये भगवान शिव की जीवंत प्रस्तुति में भरत मुनि के नाट्य शास्त्र में वर्णित नौ रसों की सुन्दर अभिव्यक्ति से छात्र-छात्राओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही नवरसों की मानव जीवन में महत्ता को समझाते हुये कहा कि समय-समय पर हमारे जीवन में मानसिक अभिव्यक्ति से ही रसों की उत्पति हुई है। साथ ही मोहिनीअट्टम के इतिहास एवं परम्परा की जानकारी देते हुये कहा कि भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप से ही मोहिनीअट्टम नृत्य की प्रस्तुति मानी जाती है।


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