सुमन राठी: साधारण महिला से अद्वितीय पर्वतारोही तक

आकोला ( रमेश चन्द्र डाड ) एक प्रेरणादायक जीवन है सुमन राठी, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास से न केवल स्वयं बल्कि अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दी ।
सुमन राठी पेशे से एक वकील होते हुए पर्वतारोही और मैराथन धावक भी हैं। उन्होंने पैंगोंग झील, लद्दाख में 14,270 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई झील पर 42.2 किमी की मैराथन पूरी की।
* एक व्यक्तित्व *
सुमन राठी राजस्थान के किशनगढ़ की बेटी और भीलवाड़ा की बहू हैं। ससुर सत्य नारायण राठी और सास कैलाश देवी मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। सी ए मुकेश राठी से विवाह के बाद मुंबई में बस गईं और तीन बच्चों की मां हैं जुझारूपन और कुछ नया करने की चाह हमेशा बनी रही। मुकेश राठी ने सदैव प्रोत्साहित किया कि वे अपने स्वप्न पूरा करें।
38 वर्ष की उम्र में मैराथन दौड़ना शुरू किया प्रतिदिन 5 किलोमीटर की दौड़ प्रतिदिन की।
लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील सर्दियों में पूरी तरह से जम जाती है । सुमन राठी ने कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और 14,270 फीट की ऊंचाई पर 42.2 किमी की मैराथन पूरी की।
*विश्व रिकॉर्ड और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज *
सुमन राठी ने जमी हुई झील पर सबसे लंबे समय तक ट्रीपोज़ (वृक्षासन) करने का विश्व कीर्तिमान बनाया।
जिसे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने मान्यता दी।
सुमन ने जुड़वा बच्चों के साथ 2024 में एवरेस्ट बेस कैंप भी पूरा किया। उनके बच्चों ने "एवरेस्ट बेस कैंप पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के जुड़वां बच्चों" का कीर्तिमान बनाया जिसे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता दी गई और "एवरेस्ट बेस कैंप पर सबसे तेज गति से पहुंचने वाले जुड़वां बच्चों" का रिकॉर्ड बनाया, जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने भी मान्यता दी ।
"अपने भीतर की ताकत पहचानो"
सुमन राठी ने बताया कि महिलाओं को "अपने भीतर की शक्ति को पहचानते हुए भीतर के भय को त्याग कर जिम्मेदारियों को निभाते हुए लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं।"