गोरखनाथ मंदिर में रोट के प्रसाद कार्यक्रम में उमड़े श्रद्धालु
ग्राम गोरख्या में गोरखनाथ जी के मंदिर में वैशाख सुदी पूर्णिमा को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रोट के प्रसाद का आयोजन किया गया। देश -प्रदेश से हजारों की संख्या में रोट दर्शन व रोट का प्रसाद प्राप्त करने हेतु भक्तजन उपस्थित हुए, जिसमें वर्तमान एमएलए उदय लाल भडाणा पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर पूर्व राज्य मंत्री धीरज गुर्जर एवं प्रधान करेड़ा ,उप प्रधान करेड़ा एवं अनेक वरिष्ठ बीजेपी व कांग्रेस के कार्यकर्ता भी सम्मिलित हुए। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह रोट सवा मण का स्थानीय पंडितों के द्वारा वही मंदिर में बनाया जाता है एवं इसे देसी सूती कपड़े(रेजा) में लपेटकर कच्चे धागे से सिलकर 10:15 बजे कण्डे की अग्नि में रखा जाता है एवं शाम को 7:15 बजे सूर्यास्त के समय निकाला जाता है, कपड़ा नहीं जलता है और रोट सिक जाता है ।और इसकी यह मान्यता है कि यदि रोट अच्छा बनता है तो चारों तरफ अच्छी बरसात होती है एवं यदि किसी दिशा में थोड़ा सा जल जाता है तो उसे दिशा में थोड़ी कम बरसात की संभावना रहती है या अकाल की संभावना रहती है यह स्थान है गुरु गोरखनाथ की धूनी के नाम से प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर गुरु गोरखनाथ जी जब यहां से निकले तब उन्होंने यहीं बैठ कर तपस्या की थी और उन्हीं के नाम से इस गांव का नाम गोरख्या पड़ा। और आज के दिन गोरख युवा मित्र मंडल गोरख्या की तरफ से सभी भक्त जनों के लिए महाप्रसाद यानी भोजन की व्यवस्था रहती है (करीब 8 से 10 हजार )लोगों के भोजन की व्यवस्था रहती है जो कि पूरे दिन भर चलता है। इस दिन बाहर से अनेक साधु संत व दाता भगवान के शिष्य भी यहां पर पधारतेहैं एवं भजन संध्या का भी आयोजन होता है