प्राकृतिक खेती से सुधारे मृदा एवं मानव स्वास्थ्य-डॉ. कर्नाटक

प्राकृतिक खेती से सुधारे मृदा एवं मानव स्वास्थ्य-डॉ. कर्नाटक
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भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र गाँधीनगर, भीलवाड़ा पर जिले का प्रथम प्राकृतिक कृषि उत्पाद मेले के शुभारम्भ महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के माननीय कुलपति डॉ. अजित कुमार कर्नाटक के कर कमलों द्वारा किया गया। यह मेला कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा द्वारा गठित कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) मीव किसान बाजार एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के संयुक्त तत्त्वावधान में लगाया गया।

डॉ. कर्नाटक ने शुभारम्भ करते हुए बताया कि यह मेला जहरमुक्त खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं मानव व मृदा के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित होगा। डॉ. कर्नाटक ने प्राकृतिक खेती के महत्त्व पर चर्चा करते हुए बताया कि प्राकृतिक कृषि उत्पाद मेले में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा साथ ही वे अपने उत्पादों को एक ही छत के नीचे बेचकर अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकेंगे। डॉ. कर्नाटक ने प्राकृतिक खेती को उपलब्ध संसाधनों से ही कम लागत पर करने वाला व्यवसाय बताया। डॉ. कर्नाटक ने मक्का को आने वाले समय की सबसे बड़ी फस्ल बताते हुए मक्का के मूल्य संवर्धन द्वारा आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया।

डॉ. कर्नाटक ने यह भी बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र के परिसर में गाँधीनगर पुलिस थाना खुलना नामुमकिन है क्योंकि यह केन्द्र भारत सरकार के अधीन है और यह केन्द्र भारत सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं के तकनीकी हस्तान्तरण में अहम भूमिका निभाता है। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने बताया कि प्राकृतिक खेती उत्पाद मेला 30 मई तक चलेगा जिसमें भीलवाड़ा जिले के अतिरिक्त राज्य के अन्य जिलों के प्राकृतिक खेती करने वाले किसान अपने प्राकृतिक उत्पादों की स्टाल लगाकर उचित दर पर बेचान करेंगे। डॉ. यादव ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयासरत है साथ ही केन्द्र पर प्राकृतिक खेती इकाई की स्थापना की गई है जिसमें जिले एवं राज्य के किसान प्राकृतिक खेती के प्रमुख घटक बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र, आग्नेयास्त्र एवं दशपर्णी के प्रायोगिक एवं सैद्धान्तिक प्रशिक्षण प्राप्त कर प्राकृतिक खेती अपना रहे है।

डॉ. यादव ने बताया कि मेले के अतिरिक्त अन्तराष्ट्रीय मक्का और गेहूँ सुधार केन्द्र, ब्प्डडल्ज् एशिया मक्का कार्यक्रम, हैदराबाद द्वारा प्रायोजित जोखिम भरी असुरक्षित कृषि पारिस्थितिकी में जलवायु अनुकूल मक्का उत्पादन पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन भी किया गया जिसमें मक्का की उन्नत किस्में, खेत की तैयारी, खाद एवं उर्वरक, खरपतवार प्रबन्धन, कीट एवं व्याधि प्रबन्धन के साथ ही मक्का की खेती हेतु आवश्यक जलवायु एवं अनकूल दशाओं के बारे में बताया। प्रशिक्षण में 20 किसानों को प्रति किसान एक एकड़ हेतु पाँच-पाँच किस्म के मक्का के बीज निःशुल्क दिए गए। तकनीकी सहायक अनिता यादव ने प्राकृतिक खेती हेतु उपयोग में लिये जाने वाले अवयवों को बनाने की विधि समझाई। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता संजय बिश्नोई ने किसानों का पंजीय किया। मीव किसान बाजार कृषक उत्पादक संगठन के निदेशक एम पी नारायणन ने प्राकृतिक उत्पादों का मूल्य संवर्धन जैसे मूंगफली तेल, सरसों तेल, गाय का घी, सभी प्रकार की दालें एवं मसाला निर्माण के बारे में जानकारी देकर कृषक उत्पादक संगठन की गतिविधियों के बारें में बताया।

इस अवसर पर माननीय कुलपति के निजी सचिव नारायण सिंह चौहान, सेवानिवृत्त फार्म मैनेजर महेन्द्र सिंह चुण्ड़ावत, लेखाधिकारी अजित सिंह राठौड़ प्रगतिशील कृषक अनिल राठी, देवेन्द्र त्रिपाठी, देवकिशन गुर्जर भी मौजूद रहे।

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