पैतालीस बरस में भी पूरा नहीं बन सका श्याम सागर बांध

पैतालीस बरस में भी पूरा नहीं बन सका श्याम सागर बांध
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आकोला (रमेश चंद्र डाड)एक बाँध ऐसा जिसके निर्माण पर लाखों रुपये खर्च हुए और वह पैतालीस बरस बीतने पर भी पूरा नही बन पाया । उसके पानी से एक भी खेत की सिंचाई नही हुई और वह टूट भी गया। देखने सुनने में अजीब भले की लगे लेकिन यह है सौ फीसदी सत्य । बाँध का नाम है श्याम सागर ।

भीलवाड़ा जिले के माण्डलगढ़ उप खण्ड क्षेत्र की सिंगोली ग्राम पँचायत क्षेत्र के अन्तर्गत अर्धनिर्मित है श्याम सागर बाँध जिसका निर्माण वर्ष 1979 - 80 में अकाल राहत कार्य में प्रारम्भ हुआ। वर्ष 1980 में सिंचाई विभाग की ओर से निविदा आमंत्रित कर बाँध के निर्माण का काम हाथ में लिया था। आठ वर्ष तक तो नींव ही नहीं भर पाई ।

*** जब टूट गया था बांध ***

श्याम सागर बाँध पर अलग अलग समय में निर्माण हुआ लेकिन बाँध पूरा नहीं बन पाया। बाँध बना उसमें पानी भरा लेकिन निर्माण की खामियां ऐसी थी कि बाँध का पानी अपने आप रिसाव हो कर खाली हो गया। बाँध की नहर का निर्माण भी नहीं हुआ। क्षेत्र की जनता की उम्मीदों पर उस वक्त तुषारापात हो गया जब वर्ष 2016 में बाँध टूट गया । बाँध का पानी मोटरों का खेड़ा, नृसिंह सागर गांवों के खेतों में खड़ी फसलों को लील गया। श्याम सागर बाँध के टूटने से पहले सिंचाई विभाग ने बाँध को पँचायत समिति मांडलगढ़ को हस्तांरित कर दिया था।

*** ऐसा है श्याम सागर बाँध ***

श्याम सागर बाँध की ऊँचाई 37 फीट और बाँध की मुख्य दीवार की लम्बाई 264 फीट है। बाँध की दीवार की कुर्सी लेवल तक चौड़ाई 32 फीट है। वर्ष 2016 में श्याम सागर बाँध की दीवार का 32 फीट चौड़ाई गुणा 28 फीट लम्बाई का हिस्सा टूट गया था।

* निर्माण और योजना में खामी *

श्याम सागर बाँध के निर्माण की योजना सोच समझ कर बनाई जाती तकनीकी रूप से ध्यान रखा जाता तो श्याम सागर बाँध क्षेत्र की जनता के लिए वरदान सिद्ध होता। ओराई एवं देवलिया बाँध की नहर के पानी में इसका पानी मिलता और मोटरों का खेड़ा, सराणा, फांदू की झोंपड़ियां सहित अन्य गांवों की भूमि पर अतिरिक्त सिंचाई होती लेकिन बाँध का अस्तित्व ही मिट गया।

क्षतिग्रस्त बाँध का बचा कुचा पानी विभिन्न नालों से होता हुआ मेनाली नदी में जाता है।श्याम सागर बाँध के लिए पुनः मजबूत नींव के साथ दीवार पर लेमिना चढ़ा नहर बनाई जाए।

" श्यामसागर के टूटने और वापस निर्मित नहीं होने से क्षेत्र को नुकसान हुआ है । सुदृढ़ तरीके से बांध का पुनः निर्माण होना चाहिए। "

प्रदीप कुमार सिंह , पूर्व विधायक मांडलगढ़

" बांध की वर्तमान स्थिति क्या है पता करवाएंगे। पुनः निर्मित हो इसके लिए प्रयास करेंगे । "

जितेन्द्र कुमार मूंदड़ा , प्रधान मांडलगढ़

" श्याम सागर के टूटने से क्षेत्र के सपने टूट गए। यह बांध वापस कैसे बने उच्च स्तरीय नेतृत्व को बता कर पुनः बनवाने की कोशिश करेंगे ।"

राकेश कुमार आर्य , प्रशासक ग्राम पंचायत सिंगोली

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