विकसित कृषि संकल्प अभियान में किसान कर रहे है कृषि वैज्ञानिकों से सीधा संवाद

विकसित कृषि संकल्प अभियान में किसान कर रहे है कृषि वैज्ञानिकों से सीधा संवाद
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भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग, उद्यान विभाग एवं इफको के संयुक्त तत्त्वावधान में भीलवाड़ा में विकसित कृषि संकल्प अभियान के माध्यम से किसान गोष्ठी, जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रदर्शनी द्वारा जिले के किसान कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अधिकारियों से सीधा संवाद कर कृषि के दौरान आने वाली समस्याओं का निदान कर रहे है।

कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान कृषि एवं किसान कल्याण मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एक राष्ट्रवयापी कार्यक्रम है जो 12 जून तक चलेगा।

डॉ. यादव ने बताया कि अभियान में रूट चार्ट के अनुसार प्रतिदिन जिले के तीन गाँवों के किसानों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की कृषक हितार्थ योजनाओं की जानकारी दी जाकर खेती की नवीनतम तकनीकी, खरीफ मौसम में बोई जाने वाली प्रमुख फसलें, खाद एवं उर्वरक, सुरक्षित अनाज भण्ड़ारण, व्यावसायिक पशुपालन तकनीकी, कौशल प्रशिक्षण द्वारा उद्यमिता विकास, प्राकृतिक खेती एवं ड्रॉन तकनीकी के बारे में रूबरू किया जा रहा है।

संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार भीलवाड़ा विनोद कुमार जैन ने बताया विभागीय योजनाओं एवं अनुदान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसान भाई किस प्रकार कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठा सकते है। जैन ने तारबन्दी एवं कृषि यन्त्रों पर दिये जाने वाले अनुदान और अनुदान हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं पात्रता के बारे में बताया। मीव किसान बाजार कृषक उत्पादक संगठन के निदेशक महावीर शर्मा ने कृषक उत्पादक संगठन के गठन की प्रक्रिया, कार्यशैली, लाभांश वितरण एवं कृषि उत्पादों का एफपीओ के माध्यम से बेचान कर अधिक लाभ अर्जित करने पर जोर दिया। बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान आरजिया के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. ललित छाता ने पौधो में होने वाले प्रमुख रोग एवं रोगोपचार की जानकारी देते हुए मशरूम उत्पादन हेतु आवश्यक दशाएँ, मशरूम की उन्नत किस्में, भण्ड़ारण एवं विपणन के बारे में बताया।

डॉ. छाता ने खरीफ सीजन हेतु कम जल मांग वाली फसलों की उन्नत किस्में एवं उपलब्धता के बारे में जानकारी दी। डॉ. के. सी. नागर, प्रोफेसर शस्य विज्ञान ने उन्नत शस्य क्रियाएँ, खेत की तैयारी, उन्नत बीज एवं बीजोपचार, खरपतवार प्रबन्धन, खाद एवं उर्वरक, समन्वित पोषक तत्त्व प्रबन्धन, सिंचाई प्रबन्धन, सुरक्षित अनाज भण्ड़ारण के बारे में जानकारी देते हुए प्राकृतिक खेती एवं आधुनिक खेती में अन्तर स्पष्ट किया।

कृषि विज्ञान केन्द्र शाहपुरा के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानियाँ ने मातृवृक्ष बगीचे का रेखांकन, नर्सरी प्रबन्धन, बेमौसम सब्जी उत्पादन एवं पोषण वाटिका की स्थापना पर जोर दिया। तकनीकी सहायक अनिता यादव ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों के अनुसार खेती करने का सुझाव दिया साथ ही उपस्थित किसानों का पंजीयन कर फीडबैक लिया।

सहायक कृषि अधिकारी उदय लाल गाडरी ने किसानों को विभागीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की आवश्यकता जताई। कृषि पर्यवेक्षक भैरू लाल भील ने कृषि में नवीनतम तकनीकीयों द्वारा अधिक आय अर्जित करने का सुझाव दिया।

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