इंटेक द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रमों की शुरुआत, प्लास्टिक हटाओ, हरियाली बढ़ाओ का दिया संदेश

इंटेक द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रमों की शुरुआत, प्लास्टिक हटाओ, हरियाली बढ़ाओ का दिया संदेश
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भीलवाड़ा-पेसवानी। भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटेक) द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सुवाना स्थित रुडसेट संस्थान में तीन दिवसीय पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के पहले दिन इंटेक के कन्वीनर एवं पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने प्रशिक्षणार्थियों को प्लास्टिक हटाओ, हरियाली बढ़ाओ, जीवन बचाओ के मूलमंत्र के साथ संबोधित किया और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरित किया।

जाजू ने कहा कि आज का मानव समाज पर्यावरणीय संकटों से घिरा हुआ है, जिनमें प्लास्टिक प्रदूषण और हरियाली की कमी सबसे गंभीर समस्याएं हैं। उन्होंने समझाया कि किस प्रकार प्लास्टिक हमारे जल स्रोतों, मिट्टी और जीव-जंतुओं के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। प्लास्टिक न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है, बल्कि अंततः मानव जीवन को भी खतरे में डालता है।

प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए जाजू ने कहा कि ष्आप सभी बदलाव के वाहक बनें। अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद करें, पुनर्चक्रण (रिसायक्लिंग) को बढ़ावा दें और अधिक से अधिक पेड़ लगाएं।ष् उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाली केवल दृश्य सौंदर्य नहीं है, बल्कि यह जीवनदायिनी है जो ऑक्सीजन देती है, जलवायु को नियंत्रित करती है और जैव विविधता को बनाए रखती है।

कार्यक्रम में इंटेक गतिविधि प्रभारी गुमान सिंह पीपाड़ ने जानकारी दी कि इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण पर एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभागियों

रेणुका सेन, ममता सुथार, कौशल्या बुनकर, सीमा गर्ग, कविता शर्मा, पिंकी राणावत, रेना सुथार, काली जाट, माया जाट, लीना फेगड़े, बबली शर्मा, प्रियंका कंवर राणावत, मीना रेगर और रिया लोहार को बाबूलाल जाजू द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर रुडसेट संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी राजेंद्र भारद्वाज, दिनेश तोमर, गुरुदेव पंचोली और सुमेस्ता चौधरी ने भी प्रशिक्षणार्थियों को पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर संबोधित किया और जागरूकता के लिए इंटेक की इस पहल की सराहना की।

कार्यक्रम की इस श्रृंखला में आगे भी वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान और प्लास्टिक उन्मूलन को लेकर जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। आयोजकों ने बताया कि समाज के हर वर्ग को जोड़कर ही पर्यावरण संकट से निपटना संभव है और इस दिशा में ऐसे आयोजन मील का पत्थर साबित होंगे।

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