किसान भाई जाग्रत होकर योजनाओं का लाभ उठायें-राजन विशाल

किसान भाई जाग्रत होकर योजनाओं का लाभ उठायें-राजन विशाल
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भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग, उद्यान विभाग एवं इफको के संयुक्त तत्त्वावधान में भीलवाड़ा में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत् माण्ड़ल पंचायत समिति के गाँव धुवाला, आलमास एवं केरिया में कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में राजन विशाल, शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी विभाग, राजस्थान सरकार ने किसानों को आह्वान किया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कृषक हितार्थ संचालित योजनाओं का फायदा उठाये। श्री राजन विशाल ने 4 पी प्लानिंग, प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग एवं प्रोक्युर्मेन्ट को ध्यान में रखकर खेती करने की आवश्यकता प्रतिपादित की तथा बताया कि कृषि का अमूल्य ज्ञान ही किसानों की शक्ति है। अतः किसान भाई ज्ञान रूपी शक्ति का उपयोग कर तय करें कि क्या बोना है, क्यों बोना है, कितना बोना है, कैसे बोना है।

राजन विशाल ने वर्षा जल संरक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गाँव का पानी गाँव में और खेत का पानी खेत में रहे। इस हेतु जल स्त्रोतों की मरम्मत एवं बचाव तथा सघन वृक्षारोपण करने की आवश्यकता जताई तथा फीडबैक लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने केन्द्र द्वारा संचालित गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए पीएम प्रणाम योजना के बारे में जानकारी दी। डॉ. यादव ने उन्नत पशुपालन एवं मुर्गीपालन द्वारा आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया। अतिरिक्ति निदेशक कृषि खण्ड़ भीलवाड़ा, इन्द्र सिंह संचेती ने विभागीय योजनाओं की जानकारी, फार्म पोण्ड़ योजना, प्राकृतिक खेती मिशन एवं राज किसान साथी पोर्टल के बारे में बताया।

संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार, विनोद कुमार जैन ने कृषि अनुदान प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज के बारे में जानकारी देते हुए आधुनिक खेती अपनाने पर जोर दिया। संयुक्त निदेशक उद्यान, महेश चेजारा ने बागवानी फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीकी के साथ ही पॉली हाऊस एवं शेड नेट हाऊस की उपयोगिता के बारे में बताया तथा ड्रेगन फ्रूट, स्ट्राबेली एवं लीची उत्पादन द्वारा आजीविका सुरक्षित करने का सुझाव दिया। उपनिदेशक उद्यान डॉ. शंकर सिंह राठौड़ ने अनार, अमरूद, सन्तरा एवं नींबू के बगीचे लगाने हेतु आवश्यक दशाएँ, पौधों की उपलब्धता एवं रोग प्रबन्धन की आवश्यक जानकारी दी। सहायक निदेशक धीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने कृषि में उन्नत कृषि यन्त्रों, ड्रॉन एवं प्रमाणित बीज का उपयोग करने का सुझाव दिया। इफको के लालाराम चौधरी ने फसलों में सन्तुलित खाद एवं उर्वरक के बारे मे जानकारी देते हुए खाद के उपयोग का तरीका, मृदा की जाँच एवं नेनो यूरिया के बारे में बताया।

प्राकृतिक खेती करने वाले प्रगतिशील कृषक देवेन्द्र त्रिपाठी ने प्राकृतिक खेती के दौरान अपने अनभुव साझा किए। मीव किसान बाजार कृषक उत्पादक संगठन के निदेशक महावीर शर्मा ने संगठन की प्रमुख गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कृषि पर्यवेक्षक कुलदीप सेन, सूरजमल माली एवं प्रवीण गहलोत ने कृषकों की कृषि समस्याओं का समाधान किया। तकनीकी सहायक अनिता यादव ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग, इफको एवं एफपीओं ने प्रदर्शनी लगाकर किसानों को तकनीकी जानकारी दी तथा प्राकृतिक खेती के प्रमुख घटक बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र, नीमास्त्र एवं दशपर्णी बनाने की विधि बताई। कार्यक्रम में 30 किसानों को सहजन की पौध का वितरण किया गया।

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