किसान प्राकृतिक खेती से सुधारें मिट्टी का स्वास्थ्य

किसान प्राकृतिक खेती से सुधारें मिट्टी का स्वास्थ्य
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भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग, उद्यान विभाग एवं इफको के संयुक्त तत्त्वावधान में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत् माण्ड़लगढ़ पंचायत समिति के गाँव बल्दरखा, श्यामगढ़ एवं लाडपुरा में कृषक वैज्ञानिक संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने बताया कि किसान खेती की नवीन तकनीकों से रूबरू होकर लाभान्वित हो रहे है। डॉ. यादव ने बताया कि संगोष्ठी में किसानों को बीज की उन्नत किस्में, बीज की उपलब्धता, बीजोपचार, खरपतवार नियन्त्रण, प्रमुख रोग एवं रोगोपचार, पशुओं की उन्नत नस्लें, डेयरी पालन, बकरीपालन एवं मुर्गीपालन द्वारा उद्यमिता विकास, मातृवृक्ष बगीचे की स्थापना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड आदि की जानकारी दी गई।

साथ ही खेती में समय, श्रम एवं कृषि लागत को कम करने के लिए ड्रॉन तकनीकी, उन्नत कृषि यन्त्रों का प्रयोग, प्राकृतिक खेती, पशुओं के लिए सन्तुलित आहार तैयार करना, वर्षभर हरा चारा उत्पादन आदि की जानकारी दी गई। डॉ. यादव ने आह्वान किया कि किसान भाई प्राकृतिक खेती अपना कर मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारें। तकनीकी सहायक अनिता यादव ने मृदा की जाँच हेतु मिट्टी के नमूने लेने की विधि बताते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों के अनुसार खेती कर अधिक आमदनी प्राप्त करने की आवश्यकता जताई।

मीव किसान बाजार कृषक उत्पादक संगठन के निदेशक महावीर शर्मा ने संगठन के प्रमुख उद्देश्य एवं आवश्यकता पर चर्चा करते हुए कृषक उत्पादक संगठन से जुड़ने पर जोर दिया। इफको प्रतिनिधि कमलेश भूखर ने नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी की उपयोगिता बताई। संगोष्ठी में कृषि पर्यवेक्षक शिवानी कंवर शक्तावत, सुनील कुमार चौहान, रामेश्वर गुर्जर, सहायक कृषि अधिकारी सुरेन्द्र कुमार वैष्णव ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।

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