पानी की कमी से जूझ रहे शक्करगढ़ के ग्रामीण

पानी की कमी से जूझ रहे शक्करगढ़ के ग्रामीण
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शक्‍करगढ़ (सांवर‍िया सालवी)। राजस्थान सरकार द्वारा हर गांव और हर घर में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण भीषण गर्मी में पानी की समस्या एक बड़ा मुद्दा बन गई है। शक्करगढ़ के ग्राम पंचायत बाकरा के छोटे मजरों और ढाणियों में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है।

विधायक गोपीचंद मीना के प्रयास से डीएमएफटी विभाग से ग्रामीण जल योजना बाकरा में पाइप लाइन विस्तार और ढाणियों में पेयजल पहुंचाने के लिए 27 लाख 75 हजार रुपए स्वीकृत किए गए थे। पीएचईडी विभाग के ठेकेदार ने आनन-फानन में 28 अप्रैल को पाइप लाइन डालकर पानी सुचारू रूप से चलने का दावा किया, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

ग्रामीणों ने बताया कि पानी की टंकी के नीचे ही जमीन पर बोर्ड पड़ा हुआ है, जिसमें 20 लाख 62 हजार रुपए खर्च होने का उल्लेख है, लेकिन गांव में 20 मिनट भी पानी नहीं आया। भीषण गर्मी में आमजन पानी के लिए तड़प रहा है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से आज तक ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हुआ है।

खुले में पड़े पाइप और वॉल, हादसे का खतरा

बाकरा गांव में पीएचईडी विभाग की टंकी के पास दो बड़े खड्डे हो रहे हैं, जिन्हें आज तक वापस नहीं भरा गया है। पाइप लाइन और वॉल खुले में ही दिख रहे हैं, जिनसे आवारा पशु और राहगीर कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। कहीं-कहीं पीडब्ल्यूडी विभाग की सड़क को तोड़ा गया है, लेकिन आज तक उसे वापस सही नहीं किया गया है। विभाग द्वारा योजना का लगाया गया बोर्ड भी जमीन में ही पड़ा हुआ है।

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने कानीरडी गांव भील सहित भील बस्ती में उच्च अधिकारियों से पानी पहुंचाने की मांग की है। उनका कहना है कि पानी की कमी से वे बहुत परेशान हैं और जल्द से जल्द पानी की व्यवस्था की जाए।

अधिकारियों का बयान

सहायक अभियंता पीएचईडी विभाग सुनील बंजारा का कहना है कि छोटे मजरों में पानी नहीं पहुंचने की शिकायत मिली है। वॉल्व का इस्यू है, लेकिन दो दिन में पानी सुचारू रूप से चालू हो जाएगा।

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