मुआवजा नहीं तो डोडा चूरा का निस्तारण नहीं, किसानों ने सौंपा ज्ञापन

आकोला (रमेश चंद्र डाड)। अफीम उत्पादक किसानों ने आबकारी विभाग को कोटडी तहसील के बड़ला गांव में सभी अफीम किसानों ने मुआवजा नहीं देने तक डोडा चूरा का निस्तारण नहीं करवाने का निर्णय किया ।किसान नेता रामकुमार जाट ने बताया कि आबकारी विभाग की ओर से अफीम उत्पादक किसानों का डोडा चूरा निस्तारण के संबंध में कोटडी तहसील के बड़ला में कैंप आयोजित किया जिसमें जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि रामकिशोर मीणा तहसीलदार कोटडी, आबकारी निरीक्षक रमेश चंद्र, नाथू सिंह कानावत, बडलियास थाना अधिकारी सिद्धार्थ , बड़ला सरपंच शिवराज जाट,श्रवण सिंह, शंकर लाल, मोहन नाथ, कैलाश चंद्र, अंबालाल जाट, गोपाल सिंह,भेरूलाल, गोपाल लाल जाट उनके साथ बड़ला, बन का खेड़ा व रेण 246 किसानों ने सर्व समिति से जुड़ा चूरा निस्तारण नहीं करने का निर्णय किया व जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि वह जिला आबकारी विभाग की ओर से प्रतिनिधि व पुलिस विभाग की ओर से प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा।
सभी अफीम किसानों ने डोडा निस्तारण टीम को सर्व समिति से मुआवजा नहीं देने पर डोडा चौराहा नष्टि नहीं करने के संबंध में अवगत कराया वह यह प्रार्थना पत्र शिविर प्रभारी को दिया अफीम किसानों ने मांग की राजस्थान व अन्य राज्यो में अफीम उत्पादक किसानों को भारत सरकार अफीम उत्पादन हेतु लाइसेंस जारी किया जाता है अफीम तो भारत सरकार जीवन रक्षक दवाइया बनाने के लिए निर्धारित मापदंड के अनुसार खरीद लेती है पर उससे बचा हुआ डोडा चूरा 2016 से पूर्व राज्य सरकार द्वारा निर्धारित ठेका पद्धति पर ₹125 प्रति किलो खरीदा जाता था जिसे राज्य सरकार ने बंद कर दीया व किसानों का डोडा चुरा नस्टीकरण का आदेश दिया हुआ है वह इस डोडा को जमींदोज किया जाता हैं जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है अतः राज्य सरकार से अफीम उत्पादक संघर्ष समिति राजस्थान प्रदेश की यह मांग है की अफीम किसानों को 2000/ प्रति किलो के हिसाब से डोडा चुरा का मुवावजा वजन के अनुसारदिया जाए या किसानों को यह अधिकार दिया जाए की वह अपने खेत में ही इसको डिस्प्ले /हकाई से नस्टकरण कर दे व किसान स्व घोषित प्रमाण पत्र दे दे व किसानों के ऊपर इसका विश्वास किया जाए जिससे भूमि की उर्वरता भी बढ़ेगी वह किसान का शोषण मुक्त भी होगा बहुत से किसानों के कच्चे मकान होने की वजह से टोडा चुरा को सुरक्षित करना मुश्किल होता है मवेशी खा जाते हैं या बारिश में भीग जाता है ऐसे किसानों का मापदंड के अनुसार डोडा चूरा रखना संभव नहीं हैअतः पुनः आपसे अनुरोध है कि जब तक किसानों को राज्य सरकार डोडा चूरा का मुआवजा 2000/ प्रति किलो के हिसाब से ना दे जब तक नष्ट करने के आदेश को स्थगित किया जाए या फिर अफीम किसानों पर विश्वास करके अपने ही खेत में नस्टी करण/ जमीदोज करने की अनुमति प्रदान करें ताकि किसान का खेत भी उपजाऊ बनेगा जैविक खेती का प्रसार भी बढ़ेगा । सभी अफीम किसानों ने डोडा निस्तारण टीम को सर्व समिति से मुआवजा नहीं देने पर डोडा चौराहा नष्टि नहीं करने के संबंध में अवगत कराया वह यह प्रार्थना पत्र शिविर प्रभारी को दिया ।
अफीम किसानों ने मांग की राजस्थान व अन्य राज्यो में अफीम उत्पादक किसानों को भारत सरकार अफीम उत्पादन हेतु लाइसेंस जारी किया जाता है अफीम तो भारत सरकार जीवन रक्षक दवाइया बनाने के लिए निर्धारित मापदंड के अनुसार खरीद लेती है पर उससे बचा हुआ डोडा चूरा 2016 से पूर्व राज्य सरकार द्वारा निर्धारित ठेका पद्धति पर ₹125 प्रति किलो खरीदा जाता था जिसे राज्य सरकार ने बंद कर दीया व किसानों का डोडा चुरा नस्टीकरण का आदेश दिया हुआ है वह इस डोडा को जमींदोज किया जाता हैं जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है अतः राज्य सरकार से अफीम उत्पादक संघर्ष समिति राजस्थान प्रदेश की यह मांग है की अफीम किसानों को 2000/ प्रति किलो के हिसाब से डोडा चुरा का मुवावजा वजन के अनुसारदिया जाए या किसानों को यह अधिकार दिया जाए की वह अपने खेत में ही इसको डिस्प्ले /हकाई से नस्टकरण कर दे व किसान स्व घोषित प्रमाण पत्र दे दे व किसानों के ऊपर इसका विश्वास किया जाए जिससे भूमि की उर्वरता भी बढ़ेगी वह किसान का शोषण मुक्त भी होगा बहुत से किसानों के कच्चे मकान होने की वजह से टोडा चुरा को सुरक्षित करना मुश्किल होता है । मवेशी खा जाते हैं या बारिश में भीग जाता है ऐसे किसानों का मापदंड के अनुसार डोडा चूरा रखना संभव नहीं है अतः पुनः अनुरोध है कि जब तक किसानों को राज्य सरकार डोडा चूरा का मुआवजा 2000/ प्रति किलो के हिसाब से ना दे जब तक नष्ट करने के आदेश को स्थगित किया जाए या फिर अफीम किसानों पर विश्वास करके अपने ही खेत में नस्टी करण/ जमीदोज करने की अनुमति प्रदान करें ताकि किसान का खेत भी उपजाऊ बनेगा जैविक खेती का प्रसार भी बढ़ेगा ।