मांडल आश्रम में मूर्ति अपमान व मारपीट प्रकरण ने पकड़ा तूल,सैकड़ों लोगों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर जताया आक्रोश

भीलवाड़ा। मांडल क्षेत्र स्थित एक आश्रम में बीते दिनों हुई पूजा-अर्चना के दौरान मारपीट व भगवान की मूर्ति को लात मारकर बाहर फेंकने की घटना ने गुरुवार को तूल पकड़ लिया। घटना को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण, श्रद्धालु व सामाजिक कार्यकर्ता जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया।
जानकारी के अनुसार, घटना को हुए 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इससे आरोपियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि धार्मिक स्थल का अपमान व श्रद्धालुओं से मारपीट गंभीर अपराध है, लेकिन पुलिस की ढिलाई के कारण कार्रवाई नहीं हो रही है।
प्रदर्शन के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई। ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन किया जाएगा।
गौरतलब है कि घटना के बाद से ही स्थानीय लोग भय और रोष में हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक आश्रम का मामला नहीं है, बल्कि धार्मिक आस्था से जुड़ा गंभीर प्रकरण है। ऐसे मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ज्ञापन के दौरान मांडल आश्रम के ट्रस्टी सौभागमल महात्मा, अध्यक्ष मनीष जैन, भीलवाड़ा समिति अध्यक्ष ओम शर्मा, आश्रम संचालक कैलाश शर्मा, व अन्य पदाधिकारी प्रकाश शर्मा, चंद्रशेखर जोशी, हमेर सिंह, गोपाल खरबड़ा, प्रदीप रोहिवाल, भगवान नामा, अंकुश कोठारी, लोकेश फतनानी, मोहित कल्याणी, जितेंद्र वेशनानी, महेश माली, अभय प्रताप, लता फतनानी, ममता, चंद्रकांता, कमला देवी, वीना आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।