भगवान श्रीचारभुजानाथ दरबार में छप्पनभोग महोत्सव की तैयारी शुरू

कोटड़ी-मूलचन्द पेसवानी मेंवाड़ के ऐतिहासिक धार्मिक स्थल भगवान श्रीचारभुजानाथ, कोटड़ी में इस बार छप्पनभोग महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से होने जा रहा है। गुरुवार को छप्पनभोग प्रसाद बनाने के लिए भट्टी मुहूर्त सम्पन्न हुआ। माण्डल व सरसड़ी मठ के महन्त दीपक पुरी महाराज तथा सर्व समाज के पदाधिकारियों ने पंडित विष्णु शर्मा के वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रसाद निर्माण की विधिवत शुरुआत की।

इस वर्ष छप्पनभोग के लिए 1151 किलो शक्कर का उपयोग किया जा रहा है। यह आयोजन तीसरी बार हो रहा है। पहले वर्ष 551 किलो और दूसरे वर्ष 851 किलो शक्कर से प्रसाद तैयार हुआ था, जबकि इस बार ऐतिहासिक स्तर पर 1151 किलो शक्कर से प्रसाद बनने जा रहा है। प्रसाद 31 अगस्त को भगवान श्रीचारभुजानाथ के चरणों में अर्पित किया जाएगा और जलझूलन महोत्सव में आने वाले भक्तों को पैकेट के रूप में वितरित किया जाएगा।

महन्त दीपक पुरी महाराज ने भट्टी मुहूर्त के अवसर पर कहा कि “भक्तों के सहयोग से छप्पनभोग की यह परंपरा लगातार विस्तारित हो रही है। प्रभु के चरणों में अर्पित किया गया भोग न केवल इस जीवन बल्कि अगले जन्मों में भी पुण्यफल देता है।” उन्होंने अधिक से अधिक भक्तों से आयोजन से जुड़ने और सहयोग करने की अपील की।

भट्टी मुहूर्त कार्यक्रम में श्रीचारभुजा मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष सुदर्शन गाड़ोदिया, गुर्जर समाज अध्यक्ष रामलाल गुर्जर, मुरलीधर काबरा, गोपाल गाडरी, ओमप्रकाश पालीवाल, श्यामसुंदर शर्मा, वीरेंद्र लोढ़ा, छीतरलाल माली, सोहनलाल बंडेला, बसंत सोनी, प्रभुलाल माली, प्रकाश जोशी, कन्हैयालाल अहीर, भगत गुजराती, कैलाश तेली सहित कई समाजों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

आयोजन समिति ने बताया कि छप्पनभोग तैयार करने में सबसे अधिक योगदान शिक्षक समुदाय का मिल रहा है। इसके लिए आयोजन समिति ने शिक्षक वर्ग का आभार जताया। साथ ही उल्लेख किया गया कि इस पवित्र आयोजन में केवल स्थानीय ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सहयोग मिल रहा है। बैंकॉक, अहमदाबाद और अमेरिका के बोस्टन से भक्तों ने प्रसाद निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग भेजा है।

भक्तों का मानना है कि भगवान श्रीचारभुजानाथ दरबार में होने वाला छप्पनभोग महोत्सव आस्था और एकता का प्रतीक है। इस आयोजन से न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी श्रद्धालुओं की भागीदारी बढ़ रही है।

अब सभी की निगाहें 31 अगस्त पर टिकी हैं जब हजारों भक्तों के बीच छप्पनभोग प्रसाद भगवान के चरणों में अर्पित होगा और फिर उसे जलझूलन महोत्सव में श्रद्धालुओं को बांटा जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनने के लिए कोटड़ी और आसपास के क्षेत्रों में भक्तों में उत्साह का माहौल है।

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