चारागाह भूमि पर अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर गोसेवकों ने सौंपा ज्ञापन

बेरा (भेरुलाल गुर्जर)। बनेड़ा उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बेरा में चारागाह भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों और गोसेवकों में आक्रोश व्याप्त है। शुक्रवार को श्रीराम गौ सेवा समिति के पदाधिकारियों और ग्रामवासियों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण को तत्काल हटाने की मांग की।
ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम पंचायत बेरा की गोचर भूमि पर कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा लंबे समय से अतिक्रमण किया जा रहा है। इस अवैध कब्जे के चलते पशुओं के लिए चारा चरने की भूमि नहीं बची है। परिणामस्वरूप पशु इधर-उधर भटकते रहते हैं और कई बार राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुंच जाते हैं, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है।
गौसेवकों ने प्रशासन का ध्यान इस ओर खींचते हुए कहा कि गोचर भूमि पर अतिक्रमण न केवल गैरकानूनी है बल्कि इससे ग्रामवासियों और विशेष रूप से पशुपालकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति पशुओं की सुरक्षा और उनके चारे के अधिकार का उल्लंघन है।
श्रीराम गौ सेवा समिति के अध्यक्ष शिवलाल माली के नेतृत्व में यह ज्ञापन सौंपा गया। उनके साथ समिति के कोषाध्यक्ष हिमांशु शर्मा, लकी शर्मा, देव चेची, कन्हैयालाल चेची, जमनालाल शर्मा तथा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच मोहनलाल गुर्जर भी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा पहले भी कई बार पंचायत स्तर पर उठाया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि प्रशासन जल्द से जल्द चारागाह भूमि का सीमांकन कराए और उस पर से सभी प्रकार के अतिक्रमण को हटाकर पशुओं के लिए सुरक्षित चरागाह सुनिश्चित करे। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त निगरानी की जाए।
गोसेवकों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते प्रशासन ने इस विषय पर आवश्यक कदम नहीं उठाए तो ग्रामीणों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह केवल पशुओं का ही नहीं, बल्कि पूरे पर्यावरण और ग्राम व्यवस्था का भी मामला है जिसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।
अंत में ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की कि ग्राम बेरा की गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर पशुपालकों की कठिनाइयों को दूर किया जाए, ताकि पशु सुरक्षित रूप से अपने चारागाह में चर सकें और ग्रामीण जीवन सुचारु रूप से चलता रहे।
