भीलवाड़ा में बरसात का कहर: नदियां उफान पर, पेड़ डालकर रोका रास्ता!"लोगों को हो रही है परेशानियां

भीलवाड़ा में बरसात का कहर: नदियां उफान पर, पेड़ डालकर रोका रास्ता!लोगों को हो रही है परेशानियां
X

-


भीलवाड़ा हलचल। जिले में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने जहां मौसम को सुहाना बना दिया है, वहीं नदियों के उफान ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कोठारी, बेड़च और बनास नदियां इस समय उफान पर हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है और लोग मजबूरी में लंबा चक्कर लगाकर गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।

पुल पर पानी, सड़कें बनी खतरे का जाल

शुक्रवार सुबह से ही आसमान पर घने बादल छाए रहे और लगातार हो रही बारिश से कोठारी और बनास नदी का जलस्तर बढ़ गया। कई पुलियों पर एक फीट से ज्यादा पानी बह रहा है। सवाईपुर-कोटड़ी मार्ग पर हालात इतने बिगड़े कि पुलिस ने लकड़ियां डालकर रास्ता बंद किया।

बीगोद-खटवाड़ा मार्ग तीन दिन से ठप

बीगोद-खटवाड़ा मार्ग पिछले तीन दिनों से बंद है। पुलियों के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। प्रशासन बार-बार चेतावनी दे रहा है, लेकिन इसके बावजूद कुछ टू-व्हीलर चालक और राहगीर जान जोखिम में डालकर बहते पानी को चीरते हुए पुल पार कर रहे हैं।

काछोला में बनास का रौद्र रूप

काछोला क्षेत्र में बनास नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी है। राजगढ़-चौहली मार्ग और चैनपुरा पुलिया पर पानी के तेज बहाव से रास्ते पूरी तरह ठप हो गए हैं। बावजूद इसके कई लोग प्रशासन की अपील को नज़रअंदाज़ कर पुल पार करने की कोशिश कर रहे हैं।

ग्रामीणों की मजबूरी: 2 किलोमीटर के लिए 100 किलोमीटर का चक्कर!

नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों का संपर्क कट गया है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी पार गांव तक पहुंचने के लिए मात्र 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी, लेकिन अब उन्हें 100 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है। यह न सिर्फ असुविधा बल्कि जिंदगी से खेलने जैसा हाल है।

प्रशासन की अपील

लगातार हो रही बारिश और नदियों के उफान को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से पुल पार न करने और वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की अपील की है।


Next Story