गलत कदम उठाने से पहले सोचिए… आपके बिना जी नहीं पाएंगे वो लोग,भीलवाड़ा में सट्टे और ब्याज को लेकर बड़ी घटनाएं

गलत कदम उठाने से पहले सोचिए… आपके बिना जी नहीं पाएंगे वो लोग,भीलवाड़ा में सट्टे और ब्याज को लेकर बड़ी घटनाएं
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जिंदगी अनमोल है और बड़ी मुश्किल से मिलती है। सोचिए, आपको इस दुनिया में लाने के लिए आपकी मां ने असहनीय प्रसव पीड़ा सही और आपका चेहरा देखते ही वह अपना दर्द भूल गई। इसलिए जब भी मन में नकारात्मक या खुदकुशी का ख्याल आए, उन लोगों को याद कीजिए जिन्हें आपके न रहने से गहरा फर्क पड़ेगा।

भीलवाड़ा: ब्याज माफिया और ऑनलाइन सट्टे ने ली कई जानें

भीलवाड़ा में हाल के दिनों में ब्याज माफिया और ऑनलाइन सट्टेबाजी का जाल कई परिवारों को बर्बादी की ओर धकेल चुका है। कर्ज चुकाने में असमर्थ लोग मानसिक दबाव में आकर आत्महत्या कर रहे हैं।

कुछ महीने पहले एक युवक ने ब्याज पर लिए पैसे चुकाने में असमर्थ होकर फांसी लगा ली। परिवार ने रोते हुए बताया – “हमारे बेटे को माफिया रोज धमकाते थे, घर के बाहर खड़े रहते थे। आखिरकार उसने हार मान ली।”

ऑनलाइन सट्टे में लाखों गंवा चुके कारोबारी ने फांसी खाकर जान दे दी। उसकी मां ने कहा – “बेटा कहता था कि अब घर का सामना नहीं कर पाऊंगा… हमें पता ही नहीं चला कि वह इतना फंस गया है।”

परिवारों का दर्द

इन घटनाओं ने पीड़ित परिवारों को पूरी तरह तोड़कर रख दिया है। माता-पिता कहते हैं कि उन्हें अब भी विश्वास नहीं होता कि उनका बेटा/पति इस तरह उन्हें छोड़कर चला गया। कई परिवारों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि ब्याज माफियाओं पर सख्त कार्रवाई हो और ऑनलाइन सट्टेबाजी साइट्स को तुरंत बंद किया जाए।

पुलिस-प्रशासन की भूमिका

परिवारों का आरोप है कि शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने ब्याज माफिया के खिलाफ समय पर सख्त कदम नहीं उठाए।

कई मामलों में दबंग माफिया खुलेआम गांवों और कस्बों में वसूली करते देखे जाते हैं, लेकिन कार्रवाई कागजों तक सीमित रहती है।

वहीं प्रशासन का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है और दोषियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।


आत्महत्या के पीछे बड़े कारण

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, देश में आत्महत्या के सबसे सामान्य कारण पारिवारिक समस्याएं, वैवाहिक तनाव, नशे की लत, मानसिक रोग, बेरोजगारी और परीक्षा में असफलता हैं।

अन्य कारणों में सामाजिक बहिष्कार, सम्मान की हानि, घरेलू हिंसा, वित्तीय तनाव और साइबर उत्पीड़न भी शामिल हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि खुदकुशी का विचार अचानक नहीं आता, बल्कि यह मानसिक बीमारियों जैसे डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर और स्किजोफ्रेनिया की स्थिति में गहराता है।

मानसिक तनाव के लिए हेल्पलाइन

केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में टेलीमानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1800-891-4416 शुरू किए। यह सेवा 24x7 टोल-फ्री उपलब्ध है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्रशिक्षित परामर्शदाता, मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक यहां मार्गदर्शन देते हैं। अब तक इस हेल्पलाइन पर 30 लाख से अधिक कॉल आ चुकी हैं।


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