शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर के औषधीय लाभों पर दिया जोर

भीलवाड़ा । श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित राम धाम में सोमवार को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक विशेष धर्म सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और पूर्णिमा के आध्यात्मिक महत्व को जाना। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडाणी ने जानकारी देते हुए बताया कि धर्म सभा का मुख्य उद्देश्य समस्त वैदिक सनातनियों को शरद पूर्णिमा के महत्व से अवगत कराना और उन्हें हार्दिक शुभकामनाएँ देना था। सभा के केंद्र में परिव्राजकाचार्य स्वामी अच्युतानन्द के अमृतमय प्रवचन रहे। स्वामी अच्युतानन्द ने अपने उद्बोधन में शरद पूर्णिमा के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह पूर्णिमा अत्यंत शुभ फलदायी होती है और मान्यता है कि इस रात्रि में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होकर अमृत की वर्षा करता है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, "समस्त वैदिक सनातनियों को अमृत मई शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ। मेरी यह शुभेच्छा है कि यह पूर्णिमा आप सबके जीवन में आरोग्यता और सुख-समृद्धि प्रदान करे।"
ट्रस्ट के सचिव अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि स्वामी ने शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने की परंपरा के पीछे के औषधीय लाभों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह खीर स्वास्थ्य के लिए अत्यंत गुणकारी होती है। धर्म सभा के समापन पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। श्री राम धाम रामायण मंडल ट्रस्ट ने भविष्य में भी ऐसे धार्मिक और जन-जागरूकता के कार्यक्रमों का आयोजन जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस अवसर पर ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारी और सदस्यगण भी उपस्थित रहे। ट्रस्ट के शांतिलाल पोरवाल एवं प्रहलाद भदादा ने बताया कि ट्रस्ट का साप्ताहिक रामायण पाठ भी रविवार को संपन्न हुआ। पाठ में रामचरितमानस की चौपाइयों के सामूहिक गान के साथ ही हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ रामायण पर अंताक्षरी कीर्तन आदि हुए।
