सतगुरु की कृपा से ही जीवन होता है सार्थक- महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन

सतगुरु की कृपा से ही जीवन होता है सार्थक- महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन
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भीलवाड़ा BHNहरि शेवा उदासीन आश्रम में सतगुरु बाबा शेवाराम साहब जी का 109वां वार्षिक दो दिवसीय प्राकट्य उत्सव शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक उल्लास के साथ आज मनाया गया। देश-विदेश से आए संत-महात्माओं और श्रद्धालुओं की उपस्थित में आश्रम परिसर भक्ति-संगीत, भजन और आरती की गूंज से आलोकित रहा।

दो दिनी उत्सव के दौरान सत्संग प्रवचन श्रृंखला में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने भावपूर्ण भजनों “हम भिखत भिखारी तेरे” और “जेको राम जपंदो सो संसार मां तरंदो” के माध्यम से भक्तिभाव का संचार किया। उन्होंने कहा कि “हरि शेवा रूपी वट आज जिस प्रकार पुष्पित-पल्लवित हो रहा है, वह सतगुरु बाबा शेवाराम साहब की अनंत कृपा का प्रतिफल है।” उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने हर कार्य में विवेक और संयम रखना चाहिए, क्योंकि पापकर्म का प्रभाव सद्कर्मों के फल को नष्ट कर देता है।

स्वामी हंसराम उदासीन ने प्रवचन में कहा कि “प्राणी को केवल परमात्मा के समक्ष ही अपनी याचना रखनी चाहिए, यदि वह कृपा दृष्टि रखता है तो संसार के किसी व्यक्ति से कुछ मांगने की आवश्यकता नहीं है।” उन्होंने सदैव की भाँति सेवा, सुमिरन और सद्कर्म के महत्व पर बल देते हुए कहा कि “सच्ची भक्ति वही है, जो निस्वार्थ होकर दूसरों के कल्याण में समर्पित हो।”

प्रवचन के पश्चात सुबह 5 से 6 बजे तक गुरुओं की समाधियों पर संतों एवं अनुयायियों ने मौन ध्यान वंदन किया। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सान्निध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धर्म ध्वजारोहण हुआ। तत्पश्चात श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब, हरिसिद्धेश्वर मंदिर, समाधि साहिब, धूणा साहिब और आसण साहिब में शीश नवाकर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर अखण्ड श्रीरामायण पाठ पूर्ण होने पर भोग साहब पड़ा तथा संत-महात्माओं निर्वाण मंडल द्वारा बाबा जी के प्राकट्य दिवस पर लड्डू महाप्रसाद का भोग लगाया गया। आरती, अरदास और संतों के भंडारे के साथ नगर बस्तियों में अन्नक्षेत्र सेवा का आयोजन हुआ। भजन-कीर्तन, ढोल-नगाड़ों और बैंड की धुनों पर श्रद्धालु झूम उठे। हवन यज्ञ में उपस्थित भक्तों ने आहूतियां देकर विश्व शांति की कामना की।

सायंकालीन सत्र में नितनेम और भजनों के साथ सतगुरुओं की समाधियों पर विशेष पूजन, वस्त्र-चादर अर्पण और रात्रि विश्राम पल्लव हुआ, जिसमें सर्वत्र सुख-शांति की प्रार्थना की गई। उत्सव में संत मायाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी संत इंद्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल, मिहिर आदि ने अपने भजनों से गुरु महिमा का बखान किया। कार्यक्रम में अजमेर के ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महंत स्वरूपदास, पुष्कर के महंत हनुमानराम, किशनगढ़ बालकधाम के महंत श्यामदास, राजकोट के महंत अमरदास, स्वामी अर्जनदास, स्वामी ईश्वरदास, इंदौर के स्वामी मोहनदास, संत संतराम सहित अनेक संत-महात्मा उपस्थित रहे।

इस अवसर पर भारतीय सिन्धु सभा के महेन्द्र तीर्थानी, हरि शेवा संस्थान के पदाधिकारी सदस्यगण और शहर के अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं ने सत्संग, प्रवचन और भंडारे का लाभ उठाकर बाबा शेवाराम साहब की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

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