अब बिना अनुमति नहीं खोद सकेंगे बोरवेल, नियम तोड़े तो जेल और जुर्माना दोनों

भीलवाड़ा हलचल
प्रदेश में अब बिना अनुमति के भूजल दोहन (Ground Water Extraction) पर सख्त रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने भूजल स्तर के लगातार गिरते स्तर को देखते हुए बड़ा कदम उठाते हुए स्पष्ट किया है कि अब राजस्थान भूजल प्राधिकरण (Rajasthan Ground Water Authority) से मंजूरी लिए बिना कोई भी व्यक्ति ट्यूबवेल या बोरवेल नहीं खुदवा सकेगा।
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने राजस्थान भूजल प्राधिकरण विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही प्रदेश में भूजल दोहन के लिए नए नियम लागू हो जाएंगे। अब कोई भी व्यक्ति या संस्था बोरवेल खोदने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
🔹 सख्त दंड का प्रावधान
पहली बार नियम तोड़ने पर ₹50,000 तक का जुर्माना लगेगा।
दुबारा अवहेलना पर 6 महीने की जेल और ₹1 लाख तक का जुर्माना भरना होगा।
यह पहली बार है जब राज्य में भूजल संरक्षण को लेकर इतनी सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
🔹 अब बोरवेल पर लगेगा चार्ज
नए प्रावधान के अनुसार, अब बोरवेल या ट्यूबवेल से जितना पानी निकाला जाएगा, उसके हिसाब से शुल्क (चार्ज) देना होगा। यानी अब पानी का उपयोग करने वालों को “यूज-चार्ज” देना पड़ेगा — जितना अधिक पानी उपयोग करेंगे, उतना अधिक भुगतान करना होगा।
🔹 अस्थायी रूप से लागू रहेंगे केंद्रीय नियम
राजस्थान भूजल नोटिफिकेशन जारी होने तक राज्य में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (Central Ground Water Authority) के नियमों के अनुसार ही कामकाज चलता रहेगा
