महात्मा गांधी अस्पताल में तीन दिन के नवजात की मौत, परिजनों का हंगामा; लापरवाही के आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित

महात्मा गांधी अस्पताल में तीन दिन के नवजात की मौत, परिजनों का हंगामा; लापरवाही के आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित
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भीलवाड़ा ।

महात्मा गांधी अस्पताल के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में तीन दिन के नवजात की मौत ने गंभीर विवाद का रूप ले लिया है। मामले के बढ़ते तनाव को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है, जो पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट अधीक्षक को सौंपेगी।

परिजनों का आरोप है कि 26 नवंबर की रात प्रसूता भावना शर्मा को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन ओटी व्यस्त होने के कारण प्रसव में अनावश्यक देरी हुई। बाद में लेबर रूम में सामान्य प्रसव कराया गया।

परिवार का कहना है कि प्रसव के दौरान हुई लापरवाही की वजह से नवजात को चोटें आईं और जन्म के बाद एनआईसीयू में उसकी सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं की गई। सुबह करीब 10 बजे डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।

वहीं डॉक्टरों ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बच्चा उल्टी स्थिति में था और जन्म के समय ही उसकी हालत बेहद गंभीर थी। डॉक्टरों के अनुसार, सभी चिकित्सा प्रयास किए गए, लेकिन नवजात को बचाया नहीं जा सका।

जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही लापरवाही के आरोपों पर अगली कार्रवाई तय होगी।

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