राजस्थान में कुक-कम-हेल्परों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन, मानदेय बढ़ोतरी से लेकर स्थायीकरण तक कई प्रमुख मुद्दे उठाए

भीलवाड़ा। पीएम पोषण (राष्ट्रीय मिड-डे मील) योजना में पिछले 24 वर्षों से कार्यरत कुक-कम-हेल्परों ने अपनी विभिन्न समस्याओं और आर्थिक कठिनाइयों को लेकर राज्य सरकार को 11 सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा है। जिला अध्यक्ष मना कंवर खनसागर के नेतृत्व में दिया गया यह ज्ञापन मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, रसोई मंत्री, शिक्षा सचिव, मिड-डे मील आयुक्त और जिला कलेक्टर को प्रेषित किया गया है।
कुक-कम-हेल्परों ने कहा कि वे 15 अगस्त 1995 से अत्यंत कम मानदेय पर कार्य कर रहे हैं और वर्तमान महंगाई को देखते हुए उनका 2297 रुपये प्रतिमाह का मानदेय बेहद अपर्याप्त है। उन्होंने मानदेय बढ़ोतरी से लेकर सुरक्षा, सुविधाओं और स्थायित्व तक कई अहम मुद्दे उठाए हैं।
ज्ञापन में कुक-कम-हेल्परों ने मानदेय को 18,000 रुपये प्रतिमाह करने, पन्नाधाय बाल गोपाल दुग्ध योजना के तहत दुग्ध गर्म करने के वर्तमान 500 रुपये को 1500 रुपये प्रतिमाह करने, पिछले 5–6 महीनों से रुके हुए मानदेय को समय पर बैंक खातों में नियमित भुगतान करने, गैस सिलेंडर या प्रेशर कुकर के संभावित हादसों को देखते हुए समूहिक दुर्घटना बीमा लागू करने, अन्य राजकीय कर्मचारियों की तरह वर्ष में दो बार यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने, 24 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे कुक-कम-हेल्परों को राज्य सरकार के नियमों के अनुसार स्थायी करने, कई विद्यालयों में कुक-कम-हेल्परों को बार-बार हटाने की प्रक्रिया को तत्काल बंद करने, अन्य कर्मचारियों की भांति वृद्धावस्था पेंशन लागू करने, मेडिकल सुविधाएं प्रदान करने, ग्रीष्मकालीन, दीपावली और मध्यावधि अवकाश में मानदेय जारी रखने, तथा शहरी क्षेत्रों में एनजीओ द्वारा मशीन से भोजन तैयार करवाने की प्रक्रिया को बंद कर एसएमसी के माध्यम से ही कुक-कम-हेल्पर से ताजा भोजन तैयार करवाने जैसी प्रमुख मांगें शामिल की हैं।
कुक-कम-हेल्परों ने कहा कि वे वर्षों से सरकारी विद्यालयों में सेवा दे रहे हैं और अब समय आ गया है कि सरकार उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार करे। उन्होंने इस उम्मीद के साथ ज्ञापन सौंपा कि मुख्यमंत्री एवं संबंधित मंत्रीमंडल उनकी 11 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र निर्णय लेकर राहत प्रदान करेंगे।
