युवा महोत्सव के अवसर पर 13 हजार 500 नियुक्ति पत्र देना गौरव की बात

भीलवाड़ा । राजस्थान की भाजपा सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में युवाओं को लगातार रोजगार उपलब्ध कराने का काम कर रही है। हाल ही में स्वामी विवेकानंद जयंती पर युवा महोत्सव के माध्यम से भी प्रदेश के हजारों युवाओं को सरकारी नौकरी की सौगात दी गई है। जबकि अशोक गहलोत सरकार के समय रोजगार की बात तो दूर, आपसी मिली भगत से पेपर लीक का बोलबाला था, लुटेरों के हाथ में पेपर होते थे। यह बात भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा ने राज्य सरकार द्वारा युवा महोत्सव पर प्रदेश के हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।

मेवाड़ा ने कहा कि जब भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब राजस्थान बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में नंबर 2 पर था और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार बेरोजगारी के कारण आत्महत्या के मामले में नम्बर 1 पर था। बेरोजगारी की दर 28- 32 प्रतिशत तक चली गई थी, यह अत्यंत शर्मनाक आंकड़े थे। जबकि युवाओं को रोजगार देने के मामले में संवेदनशील भजनलाल शर्मा सरकार लगातार रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। हाल ही में युवा महोत्सव पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगभग 13 हजार 500 से अधिक नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। यह पहली ऐसी सरकार है जिसने एक वर्ष में 1 लाख से ज्यादा नौकरियां और 47 हजार से ज्यादा नियुक्तियां दी हैं। यही नहीं राज्य सरकार द्वारा 81 हजार पदों पर होने वाली भारतीयों के लिए परीक्षा कलेंडर भी जारी कर दिया गया है जो भाजपा सरकार की युवाओं के हितों को लेकर गंभीरता को दर्शाती है।

वहीं कांग्रेस के नेता आज इस बात से चिंतित है कि युवा हितैषी किसान का बेटा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा युवाओं और बेरोजगारों की चिंता क्यों कर रहे हैं। जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने युवाओं के हितों पर सबसे ज्यादा कुठाराघात किया और पेपरलीक की घटनाएं हुई। वहीं भाजपा सरकार ने आते ही युवाओं को न्याय की तरफ कदम बढ़ाते हुए एसआईटी का गठन किया और पेपर लीक माफिया की कमर तोड़ कर रख दी। बड़ी संख्या में पेपर लीक में लिप्त आरोपी आज सलाखों के पीछे है। यही नहीं भाजपा सरकार एक वर्ष में 110 से ज्यादा परीक्षाएं बिना पेपर लीक हुए आयोजित की जा चुकी है। भजनलाल शर्मा सरकार के नेतृत्व में प्रदेश के विकास की दास्तां जनता ने देखी है, यही कारण है कि हाल ही में हुए उपचुनावों में भी जनता ने कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिन क्षेत्रों में पेपर लीक की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई वहीं कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। कुल मिलाकर भजनलाल शर्मा सरकार ने नकारात्मक और कमजोर विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

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