भीलवाड़ा में होगा चातुर्मास मंगल प्रवेश का भव्य आयोजन 2 जुलाई को

भीलवाड़ा में होगा चातुर्मास मंगल प्रवेश का भव्य आयोजन 2 जुलाई को
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भीलवाड़ा, । भीलवाड़ा नगर आगामी 2 जुलाई 2025, बुधवार को एक विशेष आध्यात्मिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है। जैन समाज के सुविख्यात संत श्रमण मुनि १०८ श्री अनुपम सागर जी महाराज एवं मुनि निर्मोह सागर महाराज का चातुर्मास मंगल प्रवेश इस दिन नगर में शोभायात्रा के साथ संपन्न होगा।

इस शुभ अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन – भीलवाड़ा इकाई द्वारा संतों के नगर प्रवेश का पुष्पवर्षा एवं स्वागत मंचों के माध्यम से भव्य अभिनंदन किया जाएगा। आयोजन की व्यवस्थाओं के संचालन हेतु आज अंकित सोमानी को संयोजक तथा सुरेन्द्र जैन को सहसंयोजक के रूप में घोषित किया गया है।

शोभायात्रा विवरण 2 जुलाई समय: प्रातः 8:00 बजे गोल प्याऊ चौराहा से प्रारंभ होगी | शोभायात्रा में नगर के समस्त समाजजन, जैन श्रद्धालु, वैश्य संगठनों के प्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग, युवा एवं महिला मंडल भारी संख्या में उपस्थित रहेंगे।

संभागीय युवा अध्यक्ष देवेंद्र कुमार डाणी ने कहा –> "जैन समाज, अंतर्राष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन का एक अभिन्न घटक है। ऐसे पुण्य प्रसंग केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक होते हैं। फेडरेशन इस आयोजन को श्रद्धा, गरिमा और समर्पण के साथ सफल बनाएगा।"

🎗️ ड्रेस कोड अपील:

इस भव्य आयोजन को सुंदरता और एकरूपता प्रदान करने हेतु विशेष निवेदन किया गया है कि –

🔸 पुरुषगण सफेद पारंपरिक वस्त्र

🔸 महिलाएं पीली साड़ी पहनकर शोभायात्रा में सहभागी बनें।

इस आयोजन की सजगता और दिव्यता में यह वेशभूषा विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी।

🌸 संपूर्ण शोभायात्रा मार्ग पर आकर्षक धार्मिक स्वागत द्वार, झाँकियाँ, सेवा केंद्र, ध्वनि वादन एवं पुष्पवर्षा बिंदु स्थापित किए जाएँगे। आयोजन में नगर की कई धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं भी सक्रिय सहयोग प्रदान करेंगी।

📌 संयोजक श्री अंकित सोमानी ने कहा –

> "मुझे इस दिव्य शोभायात्रा का संयोजन सौंपा जाना गौरव का विषय है। संतों का आगमन नगर के लिए सौभाग्यदायी है। हम सभी को इस अवसर पर आत्मकल्याण व समाजोत्थान के लिए एकजुट होना चाहिए।"

🕉️ आगामी चार माह तक संतों के सान्निध्य में प्रवचन, ध्यान, तपस्या, स्वाध्याय एवं संयम आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जो भीलवाड़ा की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को नई ऊँचाई प्रदान करेगा।

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