बोरडा वन क्षेत्र में 2 करोड़ की लकड़ी कटाई के मामले में उच्च अधिकारियों की मिलीभगत

भीलवाड़ा शाहपुरा उपखंड के बोरडा बावरियान वन क्षेत्र में बिना टेंडर के जेसीबी से करीब 2 करोड़ रुपये की हरी लकड़ी काटे जाने के मामले में पर्यावरण विद् बाबूलाल जाजू ने राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी. के. उपाध्याय को पत्र लिखकर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

जाजू ने कहा कि हरे पेड़ों को काटकर लकड़ी बेचना गंभीर वन अपराध है। जाजू ने कहा कि बिना उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के वन क्षेत्र में इतनी बड़ी अवैध कटाई संभव नहीं है। उन्होंने इस मामले में वन विभाग के उच्चाधिकारियों पर मोटे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बताया कि विभाग द्वारा तात्कालिक कार्रवाई के रूप में केवल रेंजर एवं कुछ छोटे कर्मचारियों को निलंबित कर मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि वास्तविकता में उच्च अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया एवं सूचना मिलने के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचे। जाजू ने कहा कि सरकारी आरक्षित वन क्षेत्र से सैकड़ों बीघा में हरे पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को गंभीर नुकसान हुआ है। ऐसे में आवश्यक है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या उच्चस्तरीय समिति से कराई जाए ताकि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके। जाजू ने कहा कि यह मामला वन संरक्षण कानून के उल्लंघन का है और यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो यह मामला राज्य में वन संरक्षण के प्रति सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह होगा।

पेड़ काटने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो

पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने ग्राम पंचायत बामणिया क्षेत्र में बिना निलामी प्रकिया के गुपचुप तरीके से 2 हजार बबूल के पेड़ काटने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जिला कलक्टर एवं जिला परिषद सीईओ से मांग की है। जाजू ने कहा कि बिना सरपंच एवं ग्रामसचिव की मिलीभगत के करोड़ों की कीमत के हजारों की संख्या में बबूल के हरे पेड़ों की कटाई संभव नहीं है। संबंधित तत्कालीन अधिकारियों की उदासीनता एवं लापरवाही से इतनी बड़ी संख्या में पेड़ कटे हैं। जाजू ने हरे पेड़ काटने का अपराध करने वालों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही करने की मांग की है।

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