तालाब के पेटा क्षेत्र में चल रहे अवैध ईट भट्टे, करीब 20 बीघा भूमि पर भी अवैध कब्जा

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भीलवाड़ा। उपनगर पुर के बड़े तालाब व पेटा क्षेत्र में काबिज अतिक्रमण के चलते यह ऐतिहासिक धरोहर विलुप्त होने के कगार पर है, यहाँ कई अवैध ईंट भट्टे संचालित हो रहे है एवं करीब 20 बीघा जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर खेती भी की जा रही है। जिसकी शिकायत गांव वालो द्वारा प्रशासन को कई बार की जा चुकी है। लेकिन अब तक अतिक्रमण नही हटाया गया है। जिससे अतिक्रमियों के हौसले बुलंद है।

लोगों ने बताया कि पहले बड़े तालाब के पानी का उपयोग सिंचाई में किया जाता रहा है। गांव वालो ने इसकी शिकायत जल संसाधन विभाग में भी की गई। लेकिन अभी तालाब के सिंचाई के उपयोग में न आने से जल संसाधन विभाग ने तालाब को अपने अधिकार में होने से मना कर दिया। इसके बारे में सिंचाई विभाग ने तालाब नगर परिषद के अधिकार में होना बताया। इसके बाद ग्रामीणों ने नगर परिषद को भी समस्या से अवगत कराया, लेकिन अतिक्रमण अभी भी काबिज है।

ग्रामीणों ने कहा कि लगता है अतिक्रमियों के पीछे बड़ी ताकते लग हुई है जिससे नगर परिषद के अधिकारी अतिक्रमण को हटाने में असमर्थ है। गौरतलब है कि भीलवाडा के उपनगर पुर में करीब 500 से अधिक वर्ष पुराना बड़ा तालाब है जो फसलों की सिंचाई एवं पशुओं के पानी पीने का मुख्य स्रोत्र हैं। तालाब में पहाडिय़ों से आने वाली आवो को रोक दिया है, जिससे आज हालात इतने विकट हो गए है कि तालाब में जगह-जगह अंग्रेजी बंबूल उग आए हैं तथा पेटा क्षेत्र में कई अवैध ईट भट्टे धड़ल्ले से संचालित हो रहे है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है।

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