राजस्थान में ऐरवाल जाति के 23 लाख लोगों को मिल सकेगा सम्मान जनक नाम-ओम बिरला
भीलवाड़ा । राजस्थान ऐरवाल समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने बून्दी जिला अध्यक्ष महावीर ऐरवाल के नेतृत्व में कोटा कैम्प कार्यालय पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर विजयदशमी की शुभकामनाएं दी और राजस्थान की एससी सूची में ऐरवाल उपजाति जुडवाने के प्रकरण की सकरात्मक पहल पर समाज द्वारा बिरला का स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया। बिरला ने समाज के प्रतिनिधि को अवगत कराया गया कि ऐरवाल उपजाति को राजस्थान की एससी सूची में सूचीबद्ध करवाने की विधिक प्रक्रिया चालू है जो जल्द ही भारत सरकार द्वारा पूरी कर ली जावेगी।
प्रान्तीय मीडिया प्रभारी जीवन ऐरवाल द्वारा बताया गया है कि वर्ष 2018 में पूर्व प्रदेष अध्यक्ष प्रभुलाल ऐरवाल एडवोकेट तथा 2023 व 2024 में पूर्व प्रदेष अध्यक्ष मोहनलाल धोलिया व महावीर ऐरवाल के नेतृत्व में राजस्थान ऐरवाल समाज प्रतिनिधि मण्डल मिला और राजस्थान की एससी सूची में ऐरवाल उपजाति को जुडवाने का आग्रह किया। समाज के आग्रह पर बिरला द्वारा भारत सरकार के पास 1999 से विचाराधीन प्रकरण को गभ्भीरता से लेते हुऐ उच्च स्तरीय कमेठी का गठन कर ऐरवाल उपजाति को जोडने का आष्वसन दिया गया। अहिरवार/ऐरवाल समाज संघ के राष्ट्रीय कार्यवाह अध्यक्ष प्रभुलाल ऐरवाल एडवोकेट ने बताया कि ऐरवाल समाज पिछले 40 वर्षो से ऐरवाल जाति को राजस्थान की एससी सूची में सूचीबद्ध करवाने हेत मांग करता आ रहा, जो अब साकार होने जा रही है, उपजाति के जुड़ने से राजस्थान के ऐरवाल समाज के लगभग 23 लाख लोगों को सम्मान जनक जाति शब्द से जाति प्रमाण-पत्र जारी करवाने का फायदा मिलेगा। मोहनलाल धोलिया पूर्व प्रदेष अध्यक्ष ने बताया कि समाज की समस्या के समाधान हेतु ऐरवाल समाज के कई वरिष्ठजनों स्व. बजरंगलाल फौजी, मोहन बाचौलिया, राधाकिशन खण्डिया, जीवन ऐरवाल,प्रेमचौपड़ा, डॉ. बद्रीलाल वर्मा, भैरूलाल वर्मा पूर्व सरपंच, गोकुल प्रसाद वर्मा, गिरधारीलाल वर्मा, नन्दलाल वर्मा, रामदयाल जग्रवाल, बाबूलाल रेडिया आदि द्वारा बहुत प्रयास किये गये है।
प्रतिनिधि मण्डल में पूर्व प्रदेष अध्यक्ष मोहनलाल धोलिया, प्रान्तीय अध्यक्ष जुगकिशोर वर्मा, बाबूलाल अहिरवाल, प्रेमचन्द चौपड़ा, छात्रावास निर्माण समिति अध्यक्ष डॉ. सियाराम वर्मा, महावीर ऐरवाल ठीकरिया चारणान, धनष्याम वर्मा, रामदयाल वर्मा, छीतरलाल मण्डरिया, रामदयाल जग्रवाल, नन्दलाल वर्मा डॉ. द्वारिका लाल वर्मा, गजानन्द वर्मा, गिरिराज धोनिया आदि शमिल रहे।