भीलवाड़ा कनेक्शन के साथ लॉरेंस गैंग के 25 हजार के इनामी बदमाश की गिरफ्तारी

भीलवाड़ा कनेक्शन के साथ लॉरेंस गैंग के 25 हजार के इनामी बदमाश की गिरफ्तारी
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जयपुर ,

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े 25 हजार के इनामी बदमाश प्रदीप गुर्जर उर्फ प्रदीप रावत निवासी कोटपूतली को गुड़गांव की पॉश सोसायटी एमआर पाम हिल से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के इस ऑपरेशन में टीम ने करीब 150 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और सोसाइटी के गेट पर गार्ड बनकर निगरानी रखी।

एडीजी एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि प्रदीप एक हार्डकोर अपराधी गिरोह का मुख्य संचालक है। हाईवे पर बने होटलों पर फायरिंग कर दहशत फैलाना, फिर धमकी भरी पर्ची भेजकर रंगदारी और फिरौती मांगना उसकी गैंग का तरीका रहा है। प्रदीप पर रंगदारी, बैंक लूट, डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास सहित तीन दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। सात मुकदमों में फरारी के चलते उसके खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित था।

यह गैंग 6161 नाम से कुख्यात है, जिसकी शुरुआत भीलवाड़ा में हरी तंवर के हाथों हुई थी। बाद में यह विनोद मांडली तक पहुंची और उसकी हत्या के बाद प्रदीप रावत ने गैंग को संभाला। प्रदीप, लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी सचिन थापन के लिए एक अहम कड़ी की तरह काम कर रहा था और कोटपूतली, बहरोड़, बानसूर, भीलवाड़ा और गुरुग्राम के युवाओं को गिरोह से जोड़ रहा था।

गिरफ्तारी के लिए एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा और इंस्पेक्टर राम सिंह की टीम बनाई गई। टीम के सदस्य हेड कॉन्स्टेबल सुधीर कुमार ने गार्ड बनकर सोसाइटी में एंट्री ली। बाद में एसआई बनवारी लाल और टीम को आरोपी के एक फ्लैट में छिपे होने की जानकारी मिली। मौके पर छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

टीम ने प्रदीप को गुड़गांव से कोटपूतली लाकर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। पुलिस फायरिंग से दहशत, फिर धमकी की पर्ची

गैंग हाईवे पर बने होटलों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत फैलाता था। बाद में व्यापारी को धमकी भरी पर्ची भेजकर रंगदारी और फिरौती मांगी जाती थी। आरोपी प्रदीप, लॉरेंस बिश्नोई के खास सहयोगी सचिन थापन के लिए काम कर रहा था। कोटपूतली, बहरोड़, बानसूर, भीलवाड़ा और गुड़गांव के युवकों को गैंग में शामिल कर रहा था। गैंग की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई थी। बाद में हरी तंवर से शुरू होकर विनोद मांडली और फिर प्रदीप रावत तक पहुंच गई।

पॉश कॉलोनी का गार्ड बनकर जुटाई जानकारी

आरोपी काे पकड़ने के लिए एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा और इंस्पेक्टर राम सिंह की अगुआई में विशेष टीम तैयार की गई। टीम ने करीब 150 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज काे खंगाला। गुड़गांव स्थित सोसाइटी के गेटों पर टीम के सदस्यों को गार्ड बनाकर तैनात किया। हेड कॉन्स्टेबल सुधीर कुमार ने गार्ड बनकर सोसायटी में इंट्री ली। एसआई बनवारी लाल, हेड कॉन्स्टेबल सुधीर कुमार काे उसके एक फ्लैट में छुपे हाेने की जानकारी मिली। इस पर छापा मारकर आरोपी को दबोच लिया।

टीम आरोपी को गुड़गांव से कोटपूतली लाई और स्थानीय थाना पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ से कई मामलों में बड़े खुलासे की संभावना है। लॉरेंस नेटवर्क की लगातार गिरफ्तारी और ऑपरेशनों को पुलिस राज्य में संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता मान रही है।का कहना है कि पूछताछ में कई मामलों में बड़े खुलासे होने की संभावना है। लॉरेंस नेटवर्क के गुर्गों पर लगातार कार्रवाई को पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता मान रही है।

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