राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष पर वृहद गृह संपर्क अभियान 26 अक्टूबर से

भीलवाड़ा बीएचएन। भीलवाड़ा महानगर – 26 अक्टूबर से 16 नवम्बर तक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में चल रहे शताब्दी वर्ष उत्सव के अंतर्गत भीलवाड़ा महानगर में वृहद गृह संपर्क अभियान का शुभारम्भ पूज्य संतों के करकमलों से किया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में गृह संपर्क अभियान हेतु साहित्य जो घर-घर संघ द्वारा पहुंचाया जाएगा उसका पूजन संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य आदरणीय सुरेश कुमार संस्कृति मंदिर संघ कार्यालय अशोकनगर में किया व अभियान के शुभारंभ में महामंडलेश्वर हंसराम जी महाराज, गुरुदेव मोहनशरण जी शास्त्री, महंत रामायणी जी महाराज, जैन संत आचार्य सुदर्शनलाल जी महाराज, महंत लक्ष्मणदास जी, मेवाड़ उप प्रवर्तिनी तप आराधिका विजयप्रभा जी महाराज साहब, अनुष्ठान आराधिका डॉक्टर कुमुदलता महाराज , महंत जमुनादास लाल बाबा, महंत बनवारी शरण काठिया बाबा, महंत बाबूगिरी महाराज के मंगल आशीर्वाद के साथ हुआ।

महानगर संघचालक कैलाश खोईवाल ने बताया कि यह 21 दिवसीय अभियान 26 अक्टूबर से 16 नवम्बर तक चलेगा। भीलवाड़ा महानगर को इस हेतु 50 बस्ती और 187 उप-बस्तियों में विभाजित किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत स्वयंसेवक बस्ती एवं उप-बस्ती स्तर पर घर-घर जाकर समाज के सभी वर्गों से संपर्क करेंगे। “शताब्दी वर्ष का यह गृह संपर्क अभियान केवल एक संगठनात्मक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचने और एकात्मता के भाव को सशक्त करने का प्रयास है।”

अभियान के दौरान प्रत्येक स्वयंसेवक अपने क्षेत्र के परिवारों से संवाद करेगा, “पंच परिवर्तन” जिसमें सामाजिक समरसता, स्व का बोध, पर्यावरण संरक्षण, कुटूंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य के बारे में आग्रह किया जायेगा और संघ यात्रा के विषय रखेंगे। प्रत्येक परिवार को एक कर-पत्रक (ब्रॉशर), भारत माता का चित्र और एक स्टिकर निःशुल्क दिया जाएगा।

अभियान का उद्देश्य संघ के शताब्दी वर्ष पर समाज को जोड़ना, राष्ट्रहित, संस्कार और सेवा के कार्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा संगठन और समाज के बीच आत्मीय संबंध सुदृढ़ करना है। इस अवधि में स्वयंसेवक नागरिकों को संघ की 100 वर्ष की यात्रा, गतिविधियों, सेवा कार्यों एवं राष्ट्रनिर्माण में सहभागिता के विभिन्न माध्यमों की जानकारी भी देंगे।

पंच परिवर्तन का संदेश

1. स्व का बोध- जन-जन में स्व का भाव हो। स्वदेशी उत्पाद, पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास, भारतीय ज्ञान परंपरा आदि पर गौरव हो।

2. कुटुम्ब प्रबोधन- परिवार व्यवस्था में संवाद व आत्मीयता बढाना। सनातन परपंरा अनुसार जीवन शैली को प्रोत्साहित करना।

3. सामाजिक समरसता- समाज में व्याप्त भेदभावों और असमानता को खत्म कर समरस, संगठित व समर्थ समाज का मार्ग प्रशस्त करना।

4. नागरिक शिष्टाचार- नागरिकों में राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व को लेकर जागृति लाना।

5. पर्यावरण संरक्षण- प्रकृति से लोगों का जुड़ाव बढाना। प्रकृति से सामंजस्यपूर्ण जीवन को अपनाना।

गृह संपर्क अभियान इतिहास

1. संघ के 60 वर्ष होने पर 1985 में अभियान : स्वयंसेवकों ने नगरों से लेकर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक समाज के हर वर्ग से संवाद स्थापित किया। संघ को लेकर जानकारी साझा की।

2. हॉ हेडगेवार शताब्दी वर्ष 1989- गृह संपर्क अभियान में डॉ. हेडगेवार के जीवनदर्शन और संघ के लक्ष्य से समाज को अवगत कराया गया।

3. 75 वर्ष पर राष्ट्र जागरण अभियान- स्वयंसेवकों ने घर-घर संपर्क कर संघ के कार्य एवं विचार समझाए। इस दौरान विविध रैलियां, पथ संचलन, संगोष्ठियाँ और सम्मेलनों का आयोजन हुआ। जयपुर में 13 अक्टूबर 2001 को “राष्ट्र शक्ति संगम” नाम से विशाल पथ संचलन आयोजित हुआ जिसमें 51000 गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने सहभागिता की।

4. श्री गुरूजी जन्म शताब्दी वर्ष 2006- खंड स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक “हिंदू सम्मेलन” और समरसता सभाओं की श्रंखला आयोजित की गई।

5. स्वामी विवेकानन्द सार्धशती 2012- एक विशाल राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया, जिसका उद्देश्य विवेकानंद के विचारों को युवाओं समेत समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचाना था।

इनके अलावा भी संघ स्वयंसेवकों ने अब तक विभिन्न समाज संपर्क अभियान में भाग लिया है। उनमें श्री राम मन्दिर शिला पूजन, विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा 2009, श्री राम मन्दिर निधि संग्रह 2021, श्री राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा अक्षत वितरण 2024 आदि प्रमुख है।

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