यूआईटी की आवासीय भूखंड योजना में एससी-एसटी आरक्षण में 28 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग

यूआईटी  की आवासीय भूखंड योजना में एससी-एसटी आरक्षण में  28 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग
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भीलवाड़ा।भीलवाड़ा अर्बन इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (यूआईटी) की आवासीय भूखंड योजना में अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) वर्ग के लिए आरक्षण को 28 प्रतिशत से घटाकर मात्र 15 प्रतिशत किए जाने से जिले में आक्रोश है। इसे लेकर जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 28 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की मांग की गई है।

जिला संयोजक मोतीलाल सिंघानिया में बताया गया है कि यूआईटी भीलवाड़ा ने 2 जून 2025 को राज्य बजट घोषणा 2025-26 के तहत आकर्षक दरों पर कुल 3081 आवासीय भूखंडों के लिए आवेदन मांगे थे। जिसमें एससीएसटी का आरक्षण मात्र 15 प्रतिशत दिया जो विधि के खिलाफ है।

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यूआईटी भीलवाड़ा द्वारा भूखंड आरक्षण में अनुसूचित जाति के लिए 8.57 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 6.43 प्रतिशत यानी कुल 15 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जो कि राज्य सरकार द्वारा जारी 28 प्रतिशत (एससी-16 प्रतिशत, एसटी-12 प्रतिशत) आरक्षण के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है। इसे एससी/एसटी समुदाय के अधिकारों का हनन और एक अमानवीय कृत्य करार दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा ।

ज्ञापन में जिला संयोजक मोतीलाल सिंघानिया, मनोहर वर्मा, भैरूलाल बलाई, ओम प्रकाश रेगर, कमलेश मेघवंशी, संदीप खोईवाल, कन्हैयालाल बलाई, दिनेश धोबी, मनीष जेलिया, लोकेश बसीटा, राधे सालवी सहित विभिन्न एससी/एसटी वर्ग के प्रतिनिधियों उपस्थित थे।

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