उत्कृष्ट कार्य के लिए चिकित्साकर्मी सम्मानित, कमजोर नैत्र वाले छात्रों को कलेक्टर ने किये चश्में वितरीत

उत्कृष्ट कार्य के लिए चिकित्साकर्मी सम्मानित, कमजोर नैत्र वाले छात्रों को कलेक्टर ने किये चश्में वितरीत
X

भीलवाड़ा (सम्पत माली)। भीलवाड़ा की सरकारी स्कूलों के करीब ढाई लाख बच्चों की नैत्र ज्योति परीक्षण कर कमजोर नैत्र ज्योति वाले बच्चों को 10 हजार चश्में वितरीत किए जायेंगे। इसकी शुरूआत आज तीन सौ छात्रों को चश्में वितरीत कर की गई है जबकि चिकित्सा के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को भी पुरस्कृत किया गया है।

नगर परिषद टाउन हॉल में आज विश्व जनसंख्या सप्ताह का जिला कलेक्टर नमित मेहता ने उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने परिवार कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों को सम्मानित किया।

जिला कलेक्टर मेहता ने बताया है कि जिले की सरकारी स्कूलों के ढाई से तीन लाख छात्रों का नैत्र परीक्षण किया जा रहा है। और कमजोर नेत्रों वाले करीब 10 हजार छात्रों को चश्में वितरीत करन का लक्ष्य रखा है। आज ऐसे तीन सौ छात्रों को चश्में वितरीत किये गए है। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, एमजीएच के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड आदि मौजूद थे।

शहर में बिना सुरक्षा दीवार के कई नाले जानलेवा

भीलवाड़ा (प्रहलाद तेली)। लव गार्डन रोड पर खुले नाले में गिरकर बाइक चालक की मौत को प्रशासन ने अब भी गंभीरता से लिया है और न ही नगर परिषद इस ओर झांकी है। इसके चलते शहर में कई और ऐसे खुले नाले है जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकते है। नालियां सड़क के घटिया निर्माण के तो बड़े टेण्डर लग जाते है जिनमें कुछ कमाई का रास्ता होता है लेकिन इन जानलेवा नालों की ओर खर्च करने से परिषद न जाने क्यों अपनी मुट्ठी बन्द किए हुए है।

एक पत्रकार सहित अब तक तीन लोग लव गार्डन वाले नाले में गिरकर अपनी जान गंवा चुके है। इसके बावजूद नगर विकास न्यास और नगर परिषद ऐसे नालों के प्रति उदासीनता बरते हुए है। भीलवाड़ा हलचल ने आज शहर के अन्य नालों का भी जायजा लिया तो वे भी लव गार्डन के नाले की तरह खुले और जानलेवा नजर आये है।

रोडवेज बस स्टेण्ड के पास भी बिना दीवार का नाला लोगों के लिए जानलेवा बना हुआ है। कावा खेड़ा में भी ऐसे ही हालात है। वहां नाले की दीवार भी टूटी पड़ी है जिससे नाला कई जगह से ढह गया है। ग्रामीण हाट के सामने नाले के ऊपर का कुछ हिस्सा खुला पड़ा हुआ है जिसमें जानवर और कोई भी वाहन चालक गिर सकता है। शास्त्रीनगर में भी नाले की ऐसी ही दुर्दशा हो रही है। सड़क के बराबर खुला पड़ा नाला दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। कई बार बरसात में ये नाले सड़क से ऊपर बहते है जिससे वहां से गुजरने वाले लोगों को पता नहीं रहता है और वे नाले में गिर जाते है। कुछ साल पहले नगर परिषद के पिछवाड़े ही बरसात के दौरान एक बालक नाले में बह गया था जिसकी मौत हो गई थी। इसके बावजूद भी किसी ने कोई सबक नहीं लिया है।

Next Story