पानी के लिए तरसेगा गुरलाँ का तालाब, केचमेन्ट का पानी मेजा नहर में, गेट पर मिट्टी कैसे आएगा पानी
गुरलाँ (बद्रीलाल माली) । वर्षा के पानी को स्टोरेज करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा कई समझोते करने पडते कई करोड़ों रूपये की परियोजनाओं धरातल पर लाने के प्रयास है पर दुख के साथ कहना पडता है सिचाई विभाग की लापरवाही के कारण केचमेन्ट का पानी भी गुरलाँ स्थित रणजीत सागर में आने पर अवरोध लगा रखा है यह नजारा मातृकुडिया - मेजा फिडर पर रामपुरिया के पास गेट में मिट्टी डाल कर अवरोध कर दिया जब फिडर चलतीं है तो सिचाई विभाग के कर्मचारियों द्वारा गेट पर मिट्टी डाल कर अवरुद्ध करते हैं जो गलत है पानी आने पर गेट बन्द किया जाता सकता है
गेट से मिट्टी हटा कर केचमेन्ट एरिया का पानी उपलब्ध करावे
बरसात प्रारंभ होने के साथ ही नहर के गेट पर मिट्टी को हटाया जाना चाहिए परन्तु ग्रामीणों के दबाव में एक गेट से मिट्टी हटवा दी जबकि एक गेट पर अभी भी मिट्टी पडीं होने के कारण केचमेन्ट एरिया का पानी गुरलाँ रणजीत सागर तालाब को पुरा नही मिलेगा जिससे तालाब खाली रह सकता है।
तालाब खाली रहने से सिचाई एवं पेयजल उपलब्ध नहीं होगा जिससे हजारों किसानों को आर्थिक नुकसान होगा पेयजल के लिए लोग तरसगे एवं जल स्तर नीचे जा सकता है।
क्षेत्र में पेयजल, जलस्तर नीचे जाने, सिचाई का नुकसान
गुरलाँ के बाद केचमेन्ट में मोमी, चावडेडी, गाडरमाला, सायला, देवली के गांव में पानी का जलस्तर नीचे जाएगा साथ ही पेयजल एवं किसानों को सिचाई का पानी नहीं मिलेगा तालाब भरा रहने से रायडा, सुन्दर पुरा, कोचरिया, दरिबा, समोडी गुन्दली के गांवों में जल स्तर बढता है।
किसानों की मांग
गुरलाँ एवं आसपास के लोगों व किसानों ने कहा कि गेट पर मिट्टी को तुरंत प्रभाव से हटाई जाए साथ ही नहर चलने पर गेट पर मिट्टी नहीं डालें जिससे केचमेन्ट एरिया का पानी क्षेत्र में पहुँच सके।