श्री तिलस्वॉ नाथ दरबार में उमड़ रहा भक्तो का सैलाब
तिलस्वां ज्योति पराशर। ज़िले के प्रमुख शिवधाम श्री तिलस्वॉ नाथ दरबार में श्रावण मास की नवमी को हजारों शिव भक्त दर्शनार्थ पहुंचें कर भोलेनाथ के सम्मुख बने पवित्र कुण्ड में डुबकी लगाईं। प्रसिद्ध अन्तराज्जीय शिव धाम तिलस्वों महादेव के दरबार में हज़ारों भक्तगण प्रतिदिन दर्शनार्थ पहुंच हैं। यहां भगवान भोले के समक्ष श्रीफल चढ़ाकर अर्जी देकर अपनी व्यथा सुना कर महादेव से मंगलकामनाएँ कर रहे हैं।
यहॉ के मिट्टी जल की तासीर ही निराली
यहां की मिट्टी ( केसर गार ) व कुंड के जल से लेपन से असाध्य रोगों से निजात मिल जाती है साथी ही लाईलाज बीमारियां , असाध्य रोग श्री भगवान भोलेनाथ के दरबार में उपस्थिति दर्ज कराने से ही निजात मिल रहीं हैं।
यहां भगवान शंकर साकार और निराकार के रूप में भी दर्शन किए जाते हैं देशभर में श्री तिलस्वों महादेव एक ऐसा मंदिर ऐसा शिवधाम है जहां शिवलिंग व शिव प्रतिमा दोनों विराजित है ।
गर्भ गृह के शिखर पर एक मनुष्य की आकृति बनी हुई है जिसको खापरीया चोर के नाम से प्रख्यात है बताया जाता है कि भगवान भोलेनाथ के मंदिर पर शिखर पर स्वर्ण कलश था जिसको लेने के लिए खाबरिया चोर ऊपर चढ़ा भगवान के प्रकोप से शिखर व चोर दोनों पाषाण के बन गए तब से लेकर अब तक भगवान श्री तिलस्वा नाथ के गर्भ गृह पर आज भी पाषाण के है। शिखर कलश पर स्वर्ण नहीं चढ़ाया गया है।
यहां वर्ष भर अनेक राज्यों से मनोकामना के लिए भोलेनाथ के दरबार में पहुंचते हैं जैसे कि कैंसर बवासीर मसा कुष्ठ रोग चर्म रोग जैसे घातक बीमारियों को से छुटकारा पाने के लिए दरबार में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है।
तिलस्वों महादेव के मुख्य मंदिर पर मुग़लों के आक्रमण हुआ जिससे मंदिर की कई कलाकृतियां टूटी हुई है। महादेव का शिवलिंग त्रेता युग से ही पूजाया जा रहा है। क्षेत्र व सैंकड़ों किलोमीटर से दर्शनार्थियों की भारी संख्या में तिलस्वॉ नाथ के दरबार में पहुँच रहे है।
पावन, चमत्कारिक शिव नगरी में भोलेनाथ को रिझाने के लिए शिव भक्तों द्वारा अलग-अलग प्रकार से भक्तों द्वारा भक्ति की जा रही है, कोई पैदल पहुँच रहाँ हैं , व्रत उपवास कर रहे हैं , भजनों की प्रस्तुति दे रहा है , विद्वानों पंडित यजुर्वेद की ऋचाओं से रिझा रहे हैं , जप तप कर रहे हैं , भोलेनाथ के पैदल यात्रियों के लिए भंडारा कर प्रसादी वितरण कर रहें है , मंदिर व पवित्र कुण्ड परिक्रमा कर रहे हैं आदि तरह-तरह प्रसन्न करने में लगे हैं ।
पुलिस चौकी प्रभारी नरेश शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर, पवित्र कुण्ड, शिव चोक, श्मसान चौराया, मेला चौक, गोंडा गुआ चौराहे आदि स्थानों पर श्रद्धालुओं को सुगम, शांति से दर्शन कर सके एसी माक़ूल व्यवस्था की गई। कई जगह से पहुँचे शिव भक्तों ने कुंड से कावड़ भरकर अपने गांव पैदल पैदल निकले। करीब सैकड़ो कावड़ियों ने भैंसरोडगढ़ करीब पचास किलोमीटर डीजे के साथ पहुंचेंगे। वहाँ पहुंच कर शिवालय स्थानक पर जल चढ़एंगे।
इस मौके पर मंदिर महंत रमेश पाराशर, इंजीनियर कन्हैया लाल धाकड़, पूर्व प्रधान कैलाश मीणा, प्रधुमन सिंह, जिला परिषद सदस्य श्यामा मीणा, पंचायत समिति सदस्य नरेश मीणा, मंदिर अध्यक्ष रमेश अहीर,कास्या चौकी प्रभारी नरेश शर्मा, पुजारी घनश्याम पाराशर, सरपंच संघ अध्यक्ष मोहन धाकड़, सरपंच कैलाश रेगर, पुजारी आनंद पाराशर, सिपाही रणजीत नायक, दिनेश मीणा सहित कई लोग उपस्थित थे।