आत्म सुधार के लिए विद्यालय सबसे बेहतर स्थान- स्वामी चैतन्यानंद
भीलवाड़ा। श्री केशव स्मृति सेवा प्रन्यास की ओर से शास्त्रीनगर स्थित आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय में विशेष संस्कार कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए स्वामी चैतन्य नंद गिरी महाराज ने भारतीय संस्कृति की विशेषता बताते हुए कहा कि आत्म सुधार के लिए विद्यालय सबसे बेहतर स्थान है जहां हम पढ़ते हैं और हमें पढ़ाते हैं। हमें महान बनने के लिए बार-बार अभ्यास की जरूरत होती है। कुशलता और एकाग्रता अभ्यास की आवश्यकता है। इससे व्यक्ति बड़ा बनता है। उन्होंने कहा कि गुस्सा करें लेकिन गुस्सा इस तरह का हो कि पानी की लहर के अंदर लाइन खींची जाए तो मिट जाती है उसी प्रकार गुस्सा भी मिट जाना चाहिए। हमें इसी तरह का व्यवहार करना है। मोबाइल टीवी का कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
देह की शुद्धि के लिए विद्या अध्ययन और वाणी है, शरीर में से सारी गंदगी निकलती है लेकिन मधुर वाणी ही हमारे साथ रहती है, विद्या हमें अंधकार से लड़ना सिखाती और प्रकाश की ओर ले जाती है। हमें साधु संतों की संगत में रहना चाहिए। विद्यार्थियों को महान बनाकर माता-पिता की चिंता को दूर करना चाहिए। विद्यालय आत्म सुरक्षा, सुधार एवं प्राथमिक शिक्षा के लिए है। सभी विद्यार्थियों को नियमित रूप से मंदिर जाकर प्रभु को प्रणाम करके आगे का कार्य करना चाहिए। वृद्धजनो व माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। प्राचार्य अविनाश छीपा ने महाराज श्री का अंग वस्त्र पहना नारियल भेंट कर अभिनंदन किया। इससे पूर्व मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ववलन किया गया। सभी ने दीपोत्सव की प्रार्थना की।