भीलवाड़ा में धूमधाम से मनाया गया: रक्षाबंधन का पर्व, बहनों ने बांधी राखी, भाइयों ने सुरक्षा का दिया वचन
भीलवाड़ा(हलचल)जिले में भी भाई बहन के अटूट स्नेह का पर्व रक्षाबंधन सोमवार को हर्ष, उल्लास और परंपरा पूर्वक मनाया गया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सावन पूर्णिमा की तिथि पर बहनों ने रक्षा सूत्र से भाइयों की कलाइयां सजाई। रेशम की डोरी के धागे भले ही कच्चे हो, लेकिन इसके पीछे का स्नेह अटूट और बेहद मजबूत होता है। बहन-भाई के प्यार का प्रतिक इस त्योहार को लेकर घर-घर में व्यापक तैयारियां की गई थी। भाइयों ने रक्षा का वचन बहनों को दिया।
खुद सज धज कर बहनों ने भाइयों के लिए आरती की थाल सजाई। जिसमें राखियों के साथ रोली, हल्दी, चावल, दीपक और मिठाई आदि रखा गया था। भाइयों को टीका लगाकर उनकी आरती उतारी गई और भाइयों के कलाई पर शुभ मुहूर्त में राखी बांधी गई। भाइयों ने बहनों को रक्षा का वचन देते हुए उन्हें उपहार भेंट किया।
इस बार भी भद्रा के चलते जहां कुछ परिवारों ने दोपहर 2.30 बजे के बाद भाइयों के कलाई पर राखी बांधी, लेकिन कुछ परिवारों ने सुबह से ही राखी बांध अपने भाइयों से सुरक्षा का वचन भी मांगा।
हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया जाता है। रक्षाबंधन पर आज भद्रा का साया 2.30 बजे तक रहा। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हर साल रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है।
आज के दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम का पर्व है। रक्षाबंधन के पावन पर्व में भद्रा को बहुत ही महत्व दिया जाता है। क्योंकि भद्रा में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, इसलिए, इस काल में राखी भी नहीं बांधनी चाहिए।
गुरला घूम-धाम से मनाया रक्षाबंधन का त्यौहार
गुरला:-नेशनल हाईवे 758 स्थिति गुरला क्षेत्र में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों के कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर रक्षा का संकल्प लिया