स्कूलों की छत से टपक रहा पानी, झड़ रहा प्लास्टर, बच्चों पर संकट

स्कूलों की छत से टपक रहा पानी, झड़ रहा प्लास्टर, बच्चों पर संकट
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भीलवाड़ा (प्रहलाद तेली)। शैक्षणिक व्यवस्था बेहतर करने के लिए शासन नित नए प्रयोग के साथ सर्वसुविधायुक्त विद्यालय भवन, स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाओं को बढ़ावा दे रहा है, किंतु ग्रामीण स्तर के शासकीय विद्यालयों में ये सुविधाएं फिलहाल कोसों दूर हैं। आधुनिक शिक्षा तो दूर की बात बच्चों के बैठने के लिए उपयुक्त भवन ही उपलब्ध नहीं है। स्कूलों की टपकती छत व गिरते प्लास्टर के नीचे बच्चे बैठने को मजबूर हैं।

भीलवाड़ा जिला मुख्यालय के निकट ही बसे हरणी कला गांव में राजकीय महात्मा गांधी स्कूल भवन जर्जर अवस्था में है। वर्षाकाल में बच्चे टपकती छत और गिरते प्लास्टर के नीचे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। यदि मूसलधार वर्षा होती है तो भवन की छत गिरने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। इससे कभी भी जनहानि हो सकती है।

अभिभावक मोहनलाल जाट का कहना है कि पहले आठवीं तक स्कूल थी और अब बाहरवीं तक हो चुकी है जिससे कमराें की कमी होने के कारण बच्चों को बाहर बिठाकर पढाई करवाई जानी पड़़ रही है । वहीं स्कूल भवन भी बहुत पुराना हो चुका है जिससे छत का प्लास्तर पर उखड़ कर नीचे गिर रहा है जिससे बच्चों की जान को हर समय खतरा बना रहता है ।

प्रिंसिपल विजय कुमार गुप्ता ने भीलवाड़ा हलचल से कहा कि वर्तमान में 263 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। वर्तमान में कमरों की कमी है व स्कूल भवन भी पुराना हो चुका है । इस बारे उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। कमरों की कमी से बच्चों को बाहर बिठाना पड़ता है । लेकिन बरसात के मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ता है ।

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