शहर में भी गांव जैसे हालात का सामना कर रहे हैं विवेकानंदनगर के बाशिंदे, जिम्मेदार मौन
भीलवाड़ा बीएचएन। शहर में रहकर भी गांव से भी बदत्तर हालात का सामना करने को लोग मजबूर हैं। यह पीड़ा है, विवेकानंद नगर के बाशिंदों की। क्षेत्रीय बाशिंदों का कहना है कि समस्या को लेकर पिछले डेढ़ साल से संबंधित सभी विभागों के साथ ही जिला प्रशासन को अवगत करवा रहे हैं, लेकिन समस्या से अब तक निजात नहीं मिल पाई है।
विवेकानंद नगर निवासी रेखा चौहान ने कहा कि कॉलोनी में काफी गंदगी फैली है। इसके चलते मच्छरों की भी भरमार है। हमारी स्थिति शहर में होकर भी गांव जैसी है। यहां के बाशिंदे शिकायत दे-देकर थक चुके हैं। चौहान ने कहा कि न तो जिम्मेदार महकमे और न ही प्रशासन और जन प्रतिनिधि उनकी पीड़ा को समझ रहा है। यहां के बाशिंदों को बारिश के पानी और कीचड़ के बीच रहना पड़ा रहा है। लोगों को गंदगी से होकर निकलना पड़ रहा है। कॉलोनी में ऐसे भी रोड हैं, जो कीचड़ से पूरी तरह सने हुये हैं और यहां से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। यहां आये दिन कभी कोई गिरता-पड़ता है तो कभी कोई। यहां के बाशिंदे काफी परेशान हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। कॉलोनी के बच्चों को भी पानी से होकर स्कूल आना-जाना पड़ता है।