जलझूलनी ग्यारस....: अबीर-गुलाल से रंगी चारभूजा नाथ की नगरी, चारो तरफ ठाकुरजी के जयकारों की गूंज

अबीर-गुलाल से रंगी चारभूजा नाथ की नगरी, चारो तरफ ठाकुरजी के जयकारों की गूंज
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छप्पन भोग का प्रसाद वितरित


जलझूलनी एकादशी पर मेवाड़ का ऐतिहासिक तीर्थ स्थल कोटड़ी चारभुजानाथ को चांदी के बेवाण में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जा रहा है। जिसके बाद मंदिर के निकट स्थित तालाब में ठाकुरजी जल विहार करेंगे। भ्रमण के दौरान भगवान चारभुजानाथ ने भक्तों के घर-घर दस्तक दी तथा उनकी अगवानी के लिए पलक पावड़े बिछाकर तैयार श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा व अबीर गुलाल से अपने आराध्य का स्वागत किया। बेवाण यात्रा के दौरान ठाकुरजी 18 घंटे तक भक्तों के साथ ही रहेंगे। यह पहला मंदिर है जहां बेवाण में निज मूर्ति को विराजमान किया जाता है।

भगवान श्री चारभुजानाथ का जल झूलन महोत्सव धीरे-धीरे परवान चढ चुका है। भक्त लंबी दूरी तय कर प्रभु के श्री चरणों में नतमस्तक होने के लिए शनिवार सुबह तक चारभूजा नाथ के दरबार में पहुंचे, जहां लंबी कतारों में लग कर अपने आराध्य के दर्शन किए और दोपहर बाद जब मंदिर से पालकी में सवार होकर भगवान चारभूजा नाथ का बेवाण निकला तो चारों तरफ जयकारों गूंजने लगे। लोगों ने हाथी घोड़ा पालकी, जय चारभूजा नाथ आदि जयकारे लगाए।

इससे पहले जलझूलन महोत्सव को लेकर भीलवाड़ा शहर सहित जिले व आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पद यात्री समूह के रूप में डीजे, ढोल के साथ नाचते गाते कोटड़ी पहुंचे। सुबह से ही मेवाड़ के प्रसिद्ध चारभूजा नाथ के दर्शनों के लिए कतारें लगी थी।

श्री चारभुजा मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुदर्शन गाडोदिया ने बताया कि श्री चारभुजानाथ भक्तों के कंधों पर सवार होकर धर्माउ तालाब की पाल पर पहुंच लबालब भरे सरोवर में डुबकी लगाएंगे। भगवान 18 घंटे तक भक्तों के कंधों पर सवार रहेंगे और नगर भ्रमण करेंगे।



अब उन्हें शाम का इंतजार है, जब वे भगवान के साथ जलझूलन में भाग लेंगे। उधर भक्तों के स्वागत के लिए कोटड़ी के विभिन्न मार्गों पर भंडारे लगाकर खाने पीने की विभिन्न वस्तुएं उपलब्ध कराई। पूरे रास्ते डीजे पर थिरकते लोगों से माहौल भक्तिपूर्ण नजर आया।

कोटड़ी चारभुजा नाथ ,अभिषेक दर्शन

जलझूलन महोत्सव को लेकर शुक्रवार को भीलवाड़ा शहर से शाम चार बजे बाद से ही पदयात्रियों की टोलियां रवाना होना शुरू हो गई जो देर रात कोटड़ी चारभूजा के लिए रवाना होते रहे।



पदयात्रियों में कई भक्त समूह के रूप में निकले जो अपने साथ डीजे, ढोल भी ले गए और पूरे रास्ते नाचते गाते कोटड़ी पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह भंडारे के सेवाधारियों ने फल-फ्रूट मिठाई, चाय, नमकीन उपलब्ध कराई। कई जगह खीर प्रसाद भी पदयात्रियों के लिए उपलब्ध था। रात एक बजे से ही मेवाड़ के प्रसिद्ध चारभूजा नाथ के दर्शनों के लिए कतारें लगनी शुरू हो गई, और इसी के साथ दर्शन कर निकल रहे भक्तों को पैकेट में छप्पन भोग का प्रसाद उपलब्ध कराया गया। मंदिर के आस-पास भी कई लंगर लगे हुए थे। जिसमें भक्तों के लिए फलाहार की व्यवस्था की गई। मंदिर में सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए। अब दिन भर मंदिर में दर्शानार्थियों की भीड़ लगी रहेगी।



जलझूलन के लिए तीन बजे रवाना होगा बेवाण

श्री चारभुजानाथ का जल झूलन महोत्सव शनिवार को 3 बजे भगवान की मुख्य प्रतिमा रजत बेवान में विराजमान होकर जल झुलन करने के लिए भक्तों के कंधों पर सवार होकर धर्माउ तालाब की पाल पर पहुंच भत्तों के साथ लबालब भरे सरोवर में डुबकी लगाएंगे। श्री चारभुजा मंदिर ट्रस्ट भी प्रभु के विशेष आयोजन को लेकर पूरी तैयारी कर ली हैं। भगवान 18 घंटे तक भक्तों के कंधों पर सवार रहेंगे और नगर भ्रमण करेंगे। श्री चारभुजा मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुदर्शन गाडोदिया ने बताया कि शुक्रवार शाम से ही पदयात्रियों की अधिकता को देखते हुए भीलवाड़ा कोटडी मार्ग पर केवल पद यात्रियों के लिए आने जाने की व्यवस्था की गई थी। कोटड़ी चारभूजा नाथ मंदिर परिसर में शुक्रवार को महेंद्र अलबेला, गोकुल शर्मा, मधुबाला और तन्नू शर्मा भजनों की प्रस्तुति दी। भजन संध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नाचते गाते आनंद लिया।




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