श्राद्ध पक्ष आज से शुरू: जानें पितरों के पूजन में किन बातों का रखे ध्यान
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष का प्रारंभ मंगलवार से शुरू हो गया है। जो 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन समाप्त होगा। इस अवधि के दौरान पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
पंडित अरविंद दाधीच के अनुसार, पुराणों में कहा गया है कि पितर गंध और स्वाद के तत्वों से प्रसन्न होते हैं। शांति और तृप्ति के लिए जातक जलते हुए उपले (गाय के गोबर से बने कंडे) में गुड़, घी और अन्न अर्पित करते हैं, जिससे विशेष गंध उत्पन्न होती है। यह गंध पितरों के लिए भोजन के रूप में मानी जाती है। इस दिन गाय को चारा और कौवे को भी भोजन कराने की परंपरा है।
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है, जो पूरे 16 दिनों तक चलता है। इस अवधि के दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में किए गए श्राद्ध कर्म से पितर तृप्त होते हैं और पितरों का ऋण उतरता है।
पितृ पक्ष के दौरान मान्यता है कि पितर धरती लोक पर आते हैं और अपने परिजनों के आसपास रहते हैं। इस समय तर्पण, पूजा-अर्चना और श्राद्ध करके नदी, तालाब आदि स्थलों पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
सरल तर्पण विधि
सबसे पहले साफ जल, बैठने का आसन, थाली, कच्चा दूध, गुलाब के फूल, फूल की माला, कुशा, सुपारी, जौ, काले तिल, जनेऊ आदि तैयार रखें।
आचमन के बाद हाथ धोकर अपने ऊपर जल छिड़कें और गायत्री मंत्र से शिखा बांधकर तिलक लगाएं।
थाली में जल, कच्चा दूध और गुलाब की पंखुड़ी डालें, हाथ में चावल लेकर देवताओं को याद करें।
श्राद्ध के दौरान अनामिका उंगली में कुशा घास से बनी अंगूठी धारण करें और सीधे हाथ से तर्पण दें।
पितृपक्ष की तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध: 17 सितंबर 2024 (मंगलवार)
प्रतिपदा श्राद्ध: 18 सितंबर 2024 (बुधवार)
द्वितीया श्राद्ध: 19 सितंबर 2024 (गुरुवार)
तृतीया श्राद्ध: 20 सितंबर 2024 (शुक्रवार)
चतुर्थी श्राद्ध: 21 सितंबर 2024 (शनिवार)
महा भरणी: 21 सितंबर 2024 (शनिवार)
पंचमी श्राद्ध: 22 सितंबर 2024 (रविवार)
षष्ठी श्राद्ध: 23 सितंबर 2024 (सोमवार)
सप्तमी श्राद्ध: 23 सितंबर 2024 (सोमवार)
अष्टमी श्राद्ध: 24 सितंबर 2024 (मंगलवार)
नवमी श्राद्ध: 25 सितंबर 2024 (बुधवार)
दशमी श्राद्ध: 26 सितंबर 2024 (गुरुवार)
द्वादशी श्राद्ध: 29 सितंबर 2024 (रविवार)
एकादशी श्राद्ध: 27 सितंबर 2024 (शुक्रवार)
मघा श्राद्ध: 29 सितंबर 2024 (रविवार)
त्रयोदशी श्राद्ध: 30 सितंबर 2024 (सोमवार)
चतुर्दशी श्राद्ध: 1 अक्टूबर 2024 (मंगलवार)
सर्वपितृ अमावस्या: 2 अक्टूबर 2024 (बुधवार)