एनजीटी में गांधीसागर झील को स्वच्छ एवं अतिक्रमणमुक्त कर सौंदर्यीकरण हेतु याचिका दायर

एनजीटी में गांधीसागर झील को स्वच्छ एवं अतिक्रमणमुक्त कर सौंदर्यीकरण हेतु याचिका दायर
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भीलवाड़ा (प्रहलाद तेली)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेन्ट्रल जोन भोपाल के न्यायिक सदस्य शिव कुमार सिंह व एक्सपर्ट मेम्बर डाॅ. अफरोज अहमद की बैंच ने भीलवाड़ा निवासी पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू की अधिवक्ता लोकेंद्र सिंह कच्छावा के मार्फत प्राचीन गांधीसागर झील को स्वच्छ एवं अतिक्रमण मुक्त कर सौंदर्यीकरण हेतु दायर की गई याचिका दर्ज करते हुए स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव, भीलवाड़ा जिला कलेक्टर एवं नगर परिषद आयुक्त को नोटिस जारी कर 11 नवंबर से पूर्व जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता पर्यावरणविद् जाजू ने बताया कि गांधीसागर झील में जा रहे गंदे पानी के नालों को रोकने, अतिक्रमण हटाने एवं झील के सौंदर्यीकरण हेतु पूर्व में भी याचिका संख्या 149/2014 नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दर्ज कराई थी जिसमें नगर परिषद भीलवाड़ा द्वारा 6 माह में गंदे पानी के नालों को झील में जाने से रोकने व तालाब का सौंदर्यीकरण करने का आश्वासन दिया था जो 10 साल बीत जाने के बाद भी नहीं हुए जिसके चलते जाजू को फिर से एनजीटी में गुहार के लिए मजबूर होना पड़ा। एनजीटी ने जिला कलेक्टर भीलवाड़ा एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल से संयुक्त कमेटी बनाकर गांधीसनगर झील की वास्तविक स्थिति की 6 सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए।

जाजू ने बताया कि गांधीसागर तालाब के विकास पर अब तक लगभग 8 से 10 करोड़ रूपया खर्च होने के बावजूद इसका विकास के बजाय विनाश ही हुआ है। जाजू ने याचिका में गंदे पानी के नालों को रोकने, झील की सफाई करने, ईटीपी प्लांट लगाने, झील का सीमांकन कराने, अतिक्रमण हटाकर सौंदर्यीकरण करने, एनवायरनमेंट कंपनसेशन वसूल करते हुए उसे गांधीसागर झील की बेहतरी के लिए खर्च करने, नौकाविहार शुरू करवाकर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर भीलवाड़वासियों को सौगात देने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि नगर परिषद द्वारा तालाब की भूमि का पेट्रोल पंप के लिए अवैध रूप से पूर्व में बेचान किया था उसे भी जाजू ने 18 साल तक प्रयास कर न्यायालय में याचिका दायर कर निरस्त करवाया था। गांधी सागर तालाब को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने देखकर सबसे गंदा तालाब बताकर नाराजगी व्यक्त की थी वहीं भीलवाड़ा में पिछले 15 वर्षों में जो भी जिला कलेक्टर रहे उन्होंने गांधी सागर तालाब की गंदगी साफ कर परिषद को सौंदर्यकरण के लिए निर्देश दिए बावजूद इसके गांधी सागर तालाब की स्थिति बजाय सुधरने की बिगड़ी है।

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