सरगांव के दशहरा मेले में देर रात तक जमा कविताओं का रंग खूब लगे ठहाके

सरगांव के दशहरा मेले में देर रात तक जमा कविताओं का रंग खूब लगे ठहाके
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कांगनी-सरगांव के दशहरे मेले में सोमवार को साहित्यिक रंगत गंगापुर(सारंग) के संयोजन और सरगांव ग्राम वासियों के तत्त्वावधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित हुआ।

कवि सम्मेलन की शुरुआत कवयित्री वीणा वैष्णव रागिनी ने सरस्वती वंदना से की।

पैरोड़ीकार जगदीश माली ने महंगाई और राजनीति पर पैरोडियां सुनाई,काछोला के प्रभु प्रभाकार ने राजस्थानी हास्य गीतों से खूब हंसाया, देवकिशन मेघांश ने भायो घूमे बैठ बुलट पे बापू जाय नरैगा में, उल्टा पन्ना री लपेट साड़ी मैड़म बकरियाँ मं चाली गीत पढ़े तो श्रोता झूम उठे।राजगोपाल मूमल ने कोरे काळजे लपट उठे, मैड़म अंगरेजी पढ्योड़ा मूं फैल आठवीं छोरो जैसे राजस्थानी गीत सुनाए।

मावली से आए वाह भाई वाह फेम मनोज गुर्जर ने हंसा-हंसा कर लोट पोट कर दिया।

जगदीश जगत ने कैसे कह दूं मैं कि नारी बहुत सुरक्षित है।

संपत साथी सरगांव ने ढब जाओ बालम जी अब तो गाड़ी पूरी भर गी जी,वीणा वैष्णव रागिनी ने कलयुग की तुम बातें सुन लो जूते शोरूम में कविता पढ़ी,कवि सम्मेलन का संचालन बद्री बसंत ने करते हुए लोगों को खूब हंसाते हुए " खुद का हाथा सूं पूत री चिता जला दे , एडी मायड़ और कठे हैं।" कविता पढ़ कर वीर रस का संचार किया।

कार्यक्रम में पूर्व विधायक प्रत्याशी रूपलाल जाट, मंडल अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अहीर , मंडल अध्यक्ष राजू जाट अरनिया, ग्राम पंचायत के सरपंच रामेश्वर लाल जाट, पंचायत समिति सदस्य सहित सैंकड़ों की तादाद में श्रोता उपस्थित रहे|

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