श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान को लगा 56 भोग
भीलवाड़ा। श्री सिद्ध बली हनुमान मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन से कथा वाचक आचार्य गौरी शंकर शास्त्री महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला, माखन चोरी लीला, गौ चारण लीला, गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग का दर्शन कराया। कथा व्यास महाराज ने श्रीकृष्ण भगवान के छप्पन भोग गोवर्धन पूजा के महत्व को बताया। इस दौरान भगवान गोवर्धन का पूजन भी किया गया। कथा व्यास ने बताया कि भगवान इन्द्र जब प्रकोप में थे तब उन्होंने वर्षा करके कहर बरपाया। चारों ओर हाहाकार मच गई। गांव जलमग्न होने लगे तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उंगली पर उठा लिया। इससे गांव के सभी लोग गोवर्धन पर्वत के नीचे गए और वहां शरण ली।
कथा व्यास गौरी शंकर महाराज ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिर्राज पूजा कराई थी। तब सभी बृजवासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होंने कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है। पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। महाराज जोगेश्वर दास ने कहा कि इस भोग से मन के विकार दूर होते हैं। मन की शुद्धि होती है। भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए किसी ना किसी रूप में प्रकट होते है। इस अवसर पर पर प्रदीप चौधरी, रामपाल शर्मा, अजय सोनी, बाल मुकुंद गंडोरिया, सुनील मूंदड़ा, सुशील बाहेती, पंडित गोपाल शर्मा, सुभम, विकाश, राधे श्याम पोरवाल आदि मौजूद थे।