भीलवाड़ा यूआईटी का खजाना खाली, विकास कार्यों पर संकट के बादल

भीलवाड़ा यूआईटी का खजाना खाली, विकास कार्यों पर संकट के बादल
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भीलवाड़ा। नगर विकास न्यास के खजाने में 58 करोड़ 72 लाख रुपए ही बचे हैं, जबकि देनदारी 157 करोड़ 92 लाख रुपए है। ये देनदारी उन विकास कार्यों की है, जो अभी चल रहे हैं अथवा जिनके टेंडर हो चुके। ऐसे में यूआईटी के पास नए विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं है। शहरी विकास की अहम संस्था यूआईटी है। इसी की खुद की आय है, जिससे वह शहर में विकास कार्य करवाती है। जोधड़ास चौराहा पर रेलवे अंडरब्रिज, टाटा मोटर्स के पीछे कोठारी नदी पर हाईलेवल ब्रिज, सांगानेर रोड पर हाईलेवल ब्रिज जैसे प्रोजे€ट चल रहे हैं। आरसी व्यास कॉलोनी में आधुनिक कन्वेंशन सेंटर बनना है। ये प्रोजे€क्‍ट करोड़ों रुपए के हैं। इनके अलावा सड़क, पानी, चौराहे, बिजली सहित अन्य काम अलग से हैं।

सूत्रों के अनुसार यूआईटी के पास 31 मार्च 2025 को 58.72 करोड़ रुपए थे, जबकि इसी दिन उसकी लायबिलिटी 157.92 करोड़ रुपए थी। यही वजह है कि यूआईटी के हाथ तंग है। उसके पास नए विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं है। यूआईटी प्रशासन का सारा जोर अब इनकम बढ़ाने पर है। यूआईटी को विभिन्न योजनाओं में प्लॉटों के ई-ऑक्‍शन व हाल ही लांच की गई आवासीय योजनाओं में लॉटरी से प्लॉटों के आवंटन से उम्‍मीद है। ई-ऑ€क्‍शन की बात करें तो नीलामी मेंभूखंड खरीदारों में अपेक्षित उत्साह नहीं है। कई प्लॉटों के लिए एक या दो खरीदार ही रुचि दिखा रहे। ऐसे में प्लॉट नहीं छोड़े जा रहे। यूआईटी द्वारा विभिन्न कॉलोनियों की डीएलसी रेट बढ़ाने के पीछे भी यही वजह मानी जा रही है। यूआईटी ने चालू वित्‍त वर्ष (2025-26) में 367 करोड़ 95 लाख रुपए की आय का अनुमान लगाया है। इसी वर्ष विकास कार्यों पर अनुमानित 394 करोड़ 24 लाख रुपए खर्च होंगे।

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