दिल्ली मंत्रालय में अफीम किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिनिधि मंडल की हुई अधिकारियों से लंबी वार्ता

दिल्ली मंत्रालय में अफीम किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिनिधि मंडल की हुई अधिकारियों से लंबी वार्ता
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आकोला (रमेश चंद्र डाड) भारतीय किसान संघ प्रांत अफीम किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में पूर्व के दिनों में कई बार अफीम किसानों की मांगों को लेकर तहसील एवं जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम ज्ञापन दिए जा चुके थे जब इस वर्ष की अफीम नीति ज्यादातर किसानों को निराश करने वाली प्रतीत हुई तो अफीमकिसान संघर्ष समिति भारतीय किसान संघ का छः सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में उच्च अधिकारियों से मिलने दिल्ली पहुंचा और वित्त मंत्रालय में अफीम नीति से संबंधित भारत सरकार वित्त सचिव विवेक अग्रवाल,संयुक्त सचिव वित्त मंत्रालय नवल राम, अपर सचिव वित्त मंत्रालय राम लखन (राजस्व), नारकोटिक्स विभागाध्यक्ष घनश्याम मीणा, आशीष ग्रोवर आदि अधिकारियों से 1 घंटा 30 मिनट तक लंबी वार्ता की जिसमे अफीम किसानों से संबंधित मांगों एवं समस्याओं पर बातचीत हुई।

चित्तौड़ प्रांत के प्रभारी शिवराज पुरी बूंदी ने बताया कि अफीम किसानों के लिए आने वाले समय में नीति पूरी तरह से ठीक बने इसके लिए संगठन ने भी प्रयास तेज कर दिए है,दिल्ली वित्त मंत्रालय में अधिकारियों से वार्ता के दौरान किसानों के प्रतिनिधि मंडल के रूप में गए किसान संघ के बद्री लाल जाटअफीम आयाम प्रमुख वह बद्री लाल तेली प्रांत अध्यक्ष अफीम किसान संघर्ष समिति चित्तौड़ प्रांतराजस्थान प्रदेश अफीम संघर्ष समित प्रभारी शिवराज पुरी ,चितौड़गढ़ जिला उपाध्यक्ष भूरालाल धाकड़ जैविक प्रमुख गोपाल खटवड़ प्रतापगढ़ और चित्तौड़ प्रांत से अफीम किसान सोहन लाल आंजना निंबाहेड़ा शामिल हुवे और सभी ने किसानों की वाजिब समस्याओं का समाधान हरहाल में करने की बात की वही मांगों से युक्त ज्ञापन भी सौंपा। आने वाले समय में जिला मुख्यालयों और चित्तौड़ प्रांत मुख्यालय पर अफीम किसानों के साथ साथ अफीम अधिकारियों के सेमिनार भी आयोजित कराने पर बात चित हुई ताकि किसानों की सभी प्रकार की समस्याएं चिन्हित हो सके।

दिल्ली में वार्ता के दौरान ये की मांगे :- 1. सीपीएस पद्धति में रोके गए सारे पट्टे हर हाल में बहाल किए जाए,आगे भी इस प्रकार से पट्टे नहीं रोके जाए क्योंकि सीपीएस में पांच वर्ष की नीति बनाई हुई है।

2. इस वर्ष नीति में 1995 - 96 से 1997 - 98 तक में केवल 3 वर्षों के पट्टे जारी किए हैं जबकि 1993 - 94 का भी ऑनलाइन डाटा आपके पास था वे पट्टे भी जारी करने थे।

3. हमारी मांग तीन वर्ष पूर्व वित्त मंत्री से वार्ता और कमिटमेंट के अनुसार इस वर्ष 1990 से अभी तक के सभी रुके हुए अथवा कटे हुए सभी पट्टे छपी लिस्ट के अनुसार 0 (जीरो)औसत पर एक बार सभी किसानों को पट्टे रोजगार हेतु बहाल करने थे।4. किसानों को फसल खराब होने की स्थिति में नुकसान ना हो इसके लिए अफीम फसल की बुवाई दो प्लॉट में की जाने का संशोधन इसी वर्ष की नीति में किया जाए।

5.डोडा चूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर निकाल कर राज्यों के आबकारी एक्ट में शामिल किया जावे क्योंकि इसमें 0.02 प्रतिशत ही नशा होता है जो किसी लेबोरेटरी में प्रतिशत के रूप में आता ही नहीं है और हजारों निर्दोष लोगों को इसमें कई वर्षों तक सजा काटनी पड़ती है जो न्याय संगत नहीं हैं।

6. हर वर्ष नई अफीम नीति सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में हर हाल में घोषित हो जाए ताकि नवरात्रि और दीपावली के बीच में फसल बुवाई का अनुकूल मौसम होता है उसका लाभ किसान और सरकार को मिल सके अन्यथा लेट नीति घोषित होने से किसान पुरी औसत नहीं दे पाता है और उसका पट्टा रुक जाता है।

7. सभी सीपीएस पद्धति में जारी किए गए पट्टे पुनः लुवाई चिराई से अफीम (गोंद) निकालने में जारी किये जाए।

8.वर्ष 2020-21 में शशांक यादव घुस कांड के दौरान अच्छी गुणवत्ता वाली अफीम देने वाले किसानों के घटिया अफीम बताकर पट्टे रोक दिए गए अथवा सीपीएस में जारी कर दिए गए ऐसे सभी पट्टे पुनः लुवाई चिराई में जारी करके उन सभी किसानों के साथ न्याय किया जाए।

9. किसानों को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य मिले इसके लिए प्रति किलो अफीम के मूल्य में हर हाल में वृद्धि की जाए, पिछले कई वर्षों से एक रुपया भी नहीं बढ़ाया गया है वहीं किसान के फसल में लागत बहुत आ रही है।10. देश के कानून से एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/29 को अफीम एवं डोडा चूरा से पूरी तरह से हटाई जाए क्योंकि इस धारा के चलते अभी तक हजारों लाखों किसानों को परेशान,लुटा और प्रताड़ित किया जा चुका है यह धारा 1985 में कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने लागू की थी जिससे आज दिन तक किसानों का शोषण हो रहा है ।

11. वर्ष 1990 से 93 तक के पट्टे भी ऑनलाइन किये जाए ताकि आने वाले वर्ष में उन्हें भी किसानों को दिया जा सके।

12. प्रतिवर्ष नई अफीम नीति बनाने से पूर्व जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की बैठकों में सलाहकार समिति में किसानों की ओर से भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियो को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए ताकि किसानों की सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो सके।

13. वर्तमान में लगभग 1 लाख 8 हजार पट्टे ही जारी हो रहे हैं वहीं 14 हजार पट्टे सीपीएस में रोक दिए गए है,आने वाले वर्ष की अफीम नीति में 1 लाख 50 हजार पट्टे किसानों को रोजगार हेतु बहाल किए जाए जो छपी लिस्ट से ही संभव है,जो पूर्व में अटल सरकार में किसानों के पास थे।14. फसल बीमा पॉलिसी अफीम की फसल पर भी लागू की जाए ताकि फसल खराब होने पर किसान को हो रहे भारी आर्थिक नुकसान की जगह उसकी लागत की भरपाई हो सके।

15. अफीम पट्टाधारी किसान जो बुजुर्ग है अथवा लंबी बीमारी से ग्रसित है ऐसे किसानों को जीवित रहते हुवे भी अपने वारिस के नाम पट्टा नामांतरित करने का प्रावधान भी नीति में शामिल हो,जो 1914 से पूर्व होता था।

इन मांगों पर अधिकारियों से बनी सहमति

किसानों को पोस्ता दाना का भाव अच्छा मिले इसके लिए पोस्ता का आयत भी बंद कर रखा है प्रयास रहेगा आगे भी यह बंद ही रखे,हम अफीम फसल की बुवाई किसानों की सुविधा के लिए दो प्लॉट में तो कर देंगे लेकिन इसकी बुवाई पास पास में ही करनी होगी क्योंकि आने वाले समय में सैटेलाइट सिस्टम से इसे जोड़ा जा रहा है, सीपीएस पद्धति में जो पट्टे होल्ड किए हैं ताकि किसान को अनुशासन ध्यान में रहे वही इस वर्ष सीपीएस वाले डोडे जो गोदामो में पड़े हैं उनका निस्तारण पूरा कर लिया जाएगा और रोके गए सभी पट्टे अगले वर्ष हर हाल में बहाल कर देंगे, हम प्रयास करेंगे अगले वर्ष 1 लाख 50 हजार पट्टे टोटल किसानों को रोजगार हेतु दे सकें इसके लिए 1990 से बाद के सभी रुके हुवे अथवा कटे हुए पट्टे ऑन लाइन भी इसी वर्ष कर देंगे,

डोडा चूरा में भांग,गांजा की तरह काफी कम नशा होता है आने वाले वर्षों में इसे एनडीपीएस एक्ट से निकाल कर राज्यो के आबकारी एक्ट में करने के लिए संबंधित मंत्रालय से बातचीत करेंगे वहीं एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/29 में अफीम पट्टा धारी किसानों को राहत प्रदान करने पर भी विचार कर रहे है ताकि निर्दोष किसानों को परेशानी से बचाया जा सके,आने वाले वर्षों में प्रयास करेंगे नई अफीम नीति हर वर्ष सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में ही घोषित कर दे ताकि छोटा मोटा कोई संशोधन भी करना पड़े तो समय रहते हो सके,वर्ष 2020 - 21 शशांक यादव घुस कांड के दौरान जो पट्टे घटिया दर्शाए गए है उन्हें पुनः लुवाई चिराई में करने पर विचार करेंगे,अब आगे से किसानों की सुविधा हेतु किसान संघ के प्रतिनिधियो को भी नई नीति बनाने से पूर्व वार्ता में शामिल करेंगे,यदि विभाग कोई गड़बड़ करता है किसानों के साथ तो किसान संघ अफीम संघर्ष समिति हमे तुरंत अवगत कराए हम कार्यवाही करेंगे,पूरी दुनिया में लीगल तरीके से अफीम फसल की लुवाई चिराई बंद हो चुकी है फिर भी हमारे देश में किसानों और मजदूरों के रोजगार हेतु हम कर रहे है लेकिन वैश्विक अनुबंध और मर्यादाओं के चलते हमे भी सीपीएस पद्धति को कुछ मात्रा में डेवलप करना पड़ रहा है।

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