देशभर से आए संतों ने संत अमराव महाराज को दी श्रद्धांजलि, स्वामी जगदीश पुरी महाराज को संत समाज ने ओढ़ाई उत्तराधिकारी की चादर
जहाजपुर-पेसवानी
शक्करगढ़ कस्बे के श्री संकटहरण हनुमत धाम और संकट मोचन आदर्श गौशाला के प्रेरक और संरक्षक, परमहंस संत स्वामी अमराव महाराज निरंजनी के ब्रह्मलीन होने पर गुरुवार को उनकी षोडशी पर भव्य श्रद्धांजलि सभा और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देशभर से आए कई सुप्रसिद्ध संत महात्माओं और हजारों अनुयायियों ने दिवंगत संत को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उनके आदर्शों को नमन किया।
इस मौके पर काशी के संत महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवचैतन्यपुरी महाराज की अध्यक्षता में एक विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें देश के कई ख्यात नाम संतों और महात्माओं ने अपने उद्बोधनों में संत अमराव महाराज को सादगी, सेवा और समर्पण का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि स्वामी अमराव महाराज ने अपने जीवन को समाज के उत्थान और अध्यात्मिक जागृति के लिए समर्पित कर दिया। उनकी साधना, त्याग, और परोपकार ने समाज को नई दिशा दी। सभा में संतों ने स्वामी अमराव महाराज की गौ सेवा के प्रति अटूट समर्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल गौ सेवा को समाज के केंद्र में स्थापित किया, बल्कि इसे एक आंदोलन का रूप देकर समाज और परंपराओं को प्रकृति से जोड़ा। उनका जीवन यह सिखाता है कि अध्यात्म और सेवा केवल व्यक्तिगत उत्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और प्रकृति के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए भी है।
हजारों श्रद्धालु हुए भजनों में भाव विभोर
सभा में भजन सम्राट निवाई के स्वामी प्रकाश दास महाराज ने अपनी मधुर आवाज में एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। भजनों की धुन पर पंडाल में मौजूद श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। वहीं, स्वामी जगदीश पुरी महाराज ने देशभर से आए साधु-संतों का स्वागत किया।
भंडारे में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
श्रद्धांजलि सभा के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। दूर-दराज से आए वाहन चालकों के लिए जोजर रोड पर पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई थी। इस आयोजन में शक्करगढ़ थाने के पुलिस जाब्ते के साथ पंडेर,हनुमाननगर, और जहाजपुर थाने का जाब्ता भी तैनात रहा।
संत जगदीश पुरी महाराज को सौंपी गई जिम्मेदारी
सभा के अंत में एक और जहां संत समाज की ओर से वृंदावन के संत स्वामी अनंत देव गिरि महाराज सहित सभा की अध्यक्षता कर रहे स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी महाराज ने स्वामी जगदीश पुरी महाराज को शक्करगढ़ स्थित श्री अमर ज्ञान निरंजनी आश्रम का उत्तराधिकारी घोषित करते हुए उन्हें चादर ओढ़ाई वही ट्रस्ट मंडल की ओर से ट्रस्ट मंडल के सदस्य त्रिलोक चंद्र चौधरी, सुरेश चंद्र रुइया, किशोर कुमार शर्मा, जगदीश स्वरूप मेवाड़ा, पूरण कुमार कारिहा, शिव रतन मूंदड़ा, भंवर लाल झवर, दिनेश तोषनीवाल, भंवर सिंह राठौड़, हुकम सिंह, पेप सिंह, रामेश्वर लाल मीणा और सुरेंद्र जोशी ने स्वामी जगदीश पुरी महाराज का उत्तराधिकारी के रूप में चादर व साफा ओढ़ कर स्वागत किया। इस मौके पर समूचा पंडाल स्वामी जी की जय जयकार से गूंज उठा। इस मौके पर ट्रस्ट मंडल की ओर से बहादुर सिंह शिष्य मंडल की ओर से सुरेंद्र जोशी एवं ग्राम वासियों की ओर से किशोर कुमार शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित संतों का उल्लेख
इस श्रद्धांजलि सभा में स्वामी विश्वेश्वरानन्दगिरि महाराज (मुम्बई),स्वामी प्रणवचैतन्यपुरी महाराज (काशी),स्वामी दिव्यानन्दपुरी महाराज (हरिद्वार)
स्वामी जनकपुरी महाराज (हरिद्वार),
स्वामी हँसानन्दतीर्थ महाराज (बाराबंकी, उत्तर प्रदेश),
स्वामी महेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज (परभणी, महाराष्ट्र),
स्वामी मनीषानन्दपुरी महाराज (मानवत, महाराष्ट्र),
स्वामी अनन्तदेवगिरि महाराज (वृन्दावन),
स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती महाराज (इन्दौर),
स्वामी मधुसूदनान्दपुरी महाराज (बैंगलोर),
स्वामी हँसराम महाराज (भीलवाड़ा)
स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती महाराज (औंकारेश्वर)
स्वामी जयरामगिरि महाराज (तरभ, गुजरात)
स्वामी अवतारपुरी महाराज (जाडन, पाली)
डॉ. स्वामी मुक्तानन्दपुरी महाराज (अलवर)
स्वामी लक्ष्मणदास महाराज (भीलवाड़ा)
स्वामी दीपकपुरी महाराज (माण्डल, भीलवाड़ा)
स्वामी विमर्शानन्दगिरि महाराज (बीकानेर)
स्वामी महेशानन्दपुरी महाराज (जिंतूर, महाराष्ट्र)
स्वामी हरिराम शास्त्री महाराज (जोधपुर)
स्वामी गोपाल चैतन्य महाराज (पाल, महाराष्ट्र)
स्वामी सत्यानन्दगिरि महाराज (कोलायत, बीकानेर, राजस्थान)
महन्त काठिया बाबा बनवारीशरण महाराज (भीलवाड़ा)
स्वामी अर्जुनराम महाराज (ब्यावर)
स्वामी देवानन्दगिरि महाराज (नाशिक, महाराष्ट्र)
स्वामी राममनोहरदास महाराज (पोपावास, जोधपुर)
स्वामी प्रकाशदास महाराज (निवाई)
स्वामी रामेश्वरदास महाराज (नरेणा)
स्वामी खेमदास महाराज (कोलिया, डीडवाना)
स्वामी बाबूगिरि महाराज (भीलवाड़ा, राजस्थान)
स्वामी जानकीदास महाराज (धीमा, गुजरात)
स्वामी बालकानन्द महाराज (हरभावता, निवाई)
स्वामी रामेश्वरानन्द महाराज (हरियाणा)
ब्रह्मचारी माधव चैतन्य महाराज (चौमूं)
विज्ञान चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज (पचानपुरा, जहाजपुर)
ब्रह्मचारी ब्रह्म चैतन्य महाराज (कुन्हाडा, आगरा, उत्तर प्रदेश)
स्वामी ब्रह्मेशानन्द महाराज (पंजाब)
स्वामी हरिदास महाराज (मेहरुकलां)
ब्रह्मचारी सर्वेश चैतन्य महाराज (हरिद्वार)
स्वामी केशवानन्द महाराज (हरिद्वार)
ब्रह्मचारी सर्व चैतन्य महाराज (कानपुर, उत्तर प्रदेश)
ब्रह्मचारी प्रणव चैतन्य महाराज (भैंसावाड़ा, गुजरात)
स्वामी भगवानदास महाराज (कुचामन)
ब्रह्मचारी चित्प्रकाश चैतन्य महाराज (वृन्दावन)
ब्रह्मचारी प्रणव चैतन्य महाराज (मण्डी, हिमाचल प्रदेश)
स्वामी राजेन्द्रपुरी महाराज (जाडन, पाली)
ब्रह्मचारी ईश्वर चैतन्य महाराज (काशी)
स्वामी नीलेश्वरानन्दपुरी महाराज (हरिद्वार)
स्वामी बालकदास महाराज (बरवाला, डीडवाना, राजस्थान) उपस्थित रहे। सभा का संचालन काशी के संत स्वामी सोहन चैतन्यपुरी महाराज ने किया। सभा में बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे।