सर्दी में दिनों में बारिश व शीतलहर से बचने के लिए खुद को रखे सतर्क
भीलवाडा। प्रदेश में सर्दी बढ़ने के साथ ही इस मौसम में बारिश होने से पाला पडने व शीतलहर चलने की आशंका को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने जिले में लोगों को शीतलहर से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। मौसम विभाग के अलर्ट में जिले में आगामी दिनों में बारिश व तेज हवा चलने से कड़ाके की सर्दी रहेगी। इसके साथ पाले व कोहरे के साथ शीतलहर चलेगी। मौसम के बदलाव के चलते मौसमी बीमारियों के बचाव हेतु जिलेवासियों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस मौसम में खासकर छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गो व गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को शीतलहर की चपेट में आने से बचाये।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतेन्द्र पुरी गोस्वामी ने बताया कि ठंड के मौसम में इन दिनों सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी सामान्य बीमारियां आमजन को चपेट में ले रही है, ऐसे में जरूरी है कि सर्दी से खुद को बचाते हुए बीमारियों से बचे। सर्दी के इस मौसम एवं बीमारियों के बचाव को लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट है और आमजन से सतर्क रहने के लिए अपील की जाती है वहीं विभागीय स्तर पर मौसमी बीमारियों के बचाव व रोकथाम को लेकर चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों को निर्देश जारी किये गये है। उन्होंने बताया कि सर्दी, शीतलहर व हल्की धूप के चलते कोई भी मौसमी बीमारियों की चपेट में आ सकता है, लिहाजा सावधानियां रखनी बेहद जरूरी है। इन दिनों नियमित रूप से गर्म कपडे पहने, धूप के कारण गर्म कपडे बंद न करें वहीं बच्चों, बुजुर्गो, गंभीर बीमार व्यक्ति व गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखे। गर्भवती महिलाओं सहित आमजन में सामान्य सर्दी, जुकाम व बुखार को लेकर जांच, उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने संबंधित अधिकारियों को पाबंद किया है।
शीतलहर से प्रभावित रोगियों के लक्षण-
शीतलहर का प्रकोप बढने की संभावना के चलते शीतलहर और ठण्ड वाले मौसम में रक्तवाहिनियां सिकुड जाती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ जाता है। ठण्ड के चपेट में आने से शरीर ठण्डा पड़ना, सुन्न होना, नाड़ी के धीमे या मंद हो जाने के साथ तेज गति से श्वास चलने की समस्या हो सकती है। जिसका समय पर उपचार नही लेने से मृत्यु भी हो सकती है। इसको लेकर आमजन को घरों से बाहर आते समय ठंड के बचाव को लेकर पूरी सुरक्षा रखनी चाहिए।
बचाव के लिए क्या करें-
एपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ. सुरेश चौधरी ने बताया कि ठण्ड से बचाव का सबसे अच्छा तरीका यह है कि घर से बाहर निकलते समय गर्म कपडे पहनकर निकले। शीतलहर में अधिकतर गर्म भोजन का सेवन करें और खाद्य पदार्थ जैसे गुड़, तिल, गुनगुना पानी, चाय, व कॉफी आदि का सेवन करें। शारीरिक श्रम करें। फुटपाथ पर रहने वाली भ्रमणशील जातियां जैसे भिखारी, गाडियालुहार आदि रात्रि में रेन बसेरा, सार्वजनिक भवन, धर्मशालाओं में ही रहे, खुले स्थान पर न सोएं। रात्रि में बाहर रहना जरूरी हो तो अपने पास अंगीठी, आवश्यक लकड़ी व कूडा करकट जलाकर लगाकर तापने की व्यवस्था करे। सिर पर गर्म टोपी, हाथ में ग्लव्स और पैरों में सॉक्स पहनना न भूले।
सुबह और शाम की सर्दी बुजुर्गो के लिए खतरनाक होती है, इसलिए जिस दिन ज्यादा ठण्ड हो उस दिन मॉर्निग और ईवनिंग वॉक न करे। फल और सब्जियों का सेवन अधिक करें। थोडा-थोडा व्यायाम जरूर करें। बच्चों को पानी उबालकर गुनगुना हीं पिलाये व तेल और मसाले वाले खाने से परहेज करें। गर्भवती महिलाओं व स्कूल जाने वाले बच्चों को अच्छी तरह से गर्म कपडे पहनाऐं और पूरा शरीर ढककर हीं बाहर निकलने दे। शीतलहर से प्रभावित होने पर व्यक्ति को शीघ्र ही अपने नजदीकी चिकित्सा संस्थान में डॉक्टर से उपचार लेवे।