टेंडर के 6 माह बाद भी शुरू नहीं हुआ सड़क निर्माण, लोग परेशान

बेरा (भेरूलाल गुर्जर) उदलपुरा से रायला तक प्रधानमंत्री योजना के तहत सड़क निर्मित है। यहीं से एक मार्ग रायला गांव की ओर जाता है। ये मार्ग कच्चा होने के साथ-साथ गड्ढे युक्त है। जिस पर आवागमन करना खतरनाक रहता है। ग्रामीणों का कहना है की इस सड़क का टेंडर होने के 6 माह बाद भी काम शुरू नहीं किया, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां वाहन चालक आए दिन गिरते-पड़ते देखे जाते हैं।

बारिश के दिनों में तो उदलपुरा, गांगलास, राणिखेडा, गांव के लोगों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है। पानी से कीचड़ के कारण एक तरह से वे अपने गांव-घर में ही कैद होकर रह जाते हैं। गांव में ऐसे हालात पिछले 7 दशक से हैं। हालांकि चुनाव दर चुनाव वोट लेने के लिए यहां पहुंचने वाले जनप्रतिनिधि हर बार ग्रामीणों की इस मांग पर पक्की सड़क बनवाने का वादा करते रहे हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद किसी ने भी यहां पर पक्की सड़क निर्माण की कोई कोशिश नहीं की। ग्रामीणों की मांगों को अनसुना कर दिया जाता रहा। जबकि आसपास के ऐसे भी गांव हैं, जहां पर सत्ता-विपक्ष के दबंग नेता- व्यक्ति निवासरत हैं। जिन्होंने अपने प्रभाव के कारण सड़क निर्मित करा ली है। इसे देखकर ग्राम पंचायत गांगलास के उदलपुरा गांव के लोगों में ये धारणा बैठ गई है कि जिस गांव में वजनदार दबंग नेता रहते हैं, उसी गांव में प्रधानमंत्री योजना समेत होता है। उदलपुरा के ग्रामीण पक्की सड़कों का निर्माण 5 किमी के इस कच्चे मार्ग के कारण बीमारों को अस्पताल पहुंचाना तक मुश्किलें हैं।

उदलपुरा के ग्रामीण बताते हैं कि मात्र पांच किमी के इस कच्चे मार्ग के कारण बीमारों को अस्पताल पहुंचाना तक मुश्किल हो जाता है। कीचड़ होने पर यहां एंबुलेंस तक प्रवेश नहीं कर पाती। ग्रामीण खाट पर मरीज को लिटाकर अस्पताल पहुंचाते हैं। यह कृत्य स्वजनों के लिए बेहद दुखदायी व शारीरिक कष्ट बढ़ाने वाला होता है। गंभीर स्थिति में मरीज की जान पर बन आती है। बारिश के दिनों में यहां मचने वाली दलदल में पैदल चलना तक नामुमकिन है। ग्रामीणों ग्राम पंचायत द्वारा भी पक्की सड़क निर्माण की दिशा में प्रयास न किए जाने से लेकर आक्रोशित हैं। इस सड़क के पक्की ना होने से गांगलास, उदलपुरा सहित अन्य गांव रानीखेड़ा, पाटीयो का खेड़ा के ग्रामीण परेशान है।

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